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Home » कोविड ने बच्चों के बेेहतर स्कूल में पढऩे का सपना किया था चकनाचूर, अब मनमानी से परेशान, 10 से 30 फीसदी तक महंगी कर दी निजी स्कूलों ने फीस…
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कोविड ने बच्चों के बेेहतर स्कूल में पढऩे का सपना किया था चकनाचूर, अब मनमानी से परेशान, 10 से 30 फीसदी तक महंगी कर दी निजी स्कूलों ने फीस…

Vindhya VaniBy Vindhya VaniJune 29, 2022No Comments6 Mins Read
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रीवा। कोविड के दौरान लोग आर्थिक तंगी से इस कदर बेहाल हुए थे कि बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा नहीं पाए। प्राइवेट से निकाल कर सरकारी में दाखिला दिया था। हाई और हायर सेकेण्डरी सरकारी स्कूलों में 6 फीसदी इनरोलमेंट में इजाफा हुआ था। अब हालात ठीक हुए तो निजी स्कूलें मनमानी पर उतारू हो गई है। छात्र और अभिभावकों के सपने पर पानी फेर रहे हैं। फीस इतनी ज्यादा बढ़ा दी कि अब स्कूल में पढ़ाई सपना हो गया है। बढ़ी फीस के कारण बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिला रहे। प्रशासन फीस पर खामोश बैठी है।
कोविड काल में निजी स्कूलों की फीस भरने के लिए अभिभावकों के पास रुपए नहीं थे। कईयों की नौकरी चली गई थी। व्यापार चौपट हो गया था। गुजर बसर तक मुश्किल था। हालात बुरे हो गए थे। ऐसे में अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा से भी समझौता कर लिया था। निजी स्कूलों से नाम कटवाकर बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया था था। तभी तो सरकारी हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल ने नामांकन के मामले में रिकार्ड कायम किया था। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में रीवा की हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में दाखिला 6 फीसदी तक बढ़ गया था। यह अब तक का रिकार्ड रहा। कोविड के बाद हालात सामान्य हुए तो अभिभावकों ने राहत की सांस ली। बच्चों केा निजी और बड़ी स्कूलों में दोबारा दाखिला कराने की सोची लेकिन कामयाब नहीं हुए। निजी स्कूलों ने फीस इतनी बढ़ा दी कि कईयों की पहुंच से ही बाहर हो गए। इतना ही नहीं कई अभिभावकों ने इस साल भी निजी स्कूलों से बच्चों को बढ़ी हुई फीस के कारण ही नाम कटवा लिया। सरकारी स्कूल में दाखिला करा रहे हैं। इस साल भी नामांकन की संख्या में इजाफा होने का आसर है। यूडाइस में जानकारी अपडेट हो चुकी है।

   


इन सरकारी स्कूलों की ज्यादा है डिमांड
प्राइवेट में बच्चों को पढ़ा पाने में असक्षम अभिभावक रीवा में सरकारी स्कूलों को विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। सरकारी स्कूलों में भी शिक्षा का स्तर बेहतर हो रहा है। पिछले कुछ सालों से हाई और हायर सेकेण्डरी के रिजल्ट में भी सुधार आया है। इसके अलावा अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई सरकारी स्कूलों में हो रही है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों को भी प्राथमिकता में लिया जा रहा है। पीके स्कूल कन्याओं के लिए, मार्तण्ड स्कूल क्रमांक एक और मॉडल स्कूल छात्रों की पहली पसंद में है। मार्तण्ड स्कूल क्रमांक दो, गवर्नमेंट एक और दो, समान स्कूल में भी छात्र प्रवेश ले रहे हैं।

कई गुना ज्यादा बढ़ा दी गई है फीस
कोविड के बाद स्कूलें खुली तो फीस में बेतहासा वृद्धि कर दी गई है। निजी स्कूलों में 12 से 30 फीसदी तक फीस में इजाफा किया है। जितनी बड़ी और नामी स्कूलें है। उन्होंने सबसे ज्यादा नियम और कायदेें तोड़े हैं। बिना जिला समिति के अनुमोदन के ही स्कूलों की फीस बढ़ा दी है। यही वजह है कि अभिभावक निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा ही नहीं पा रहे हैं। फीस की भरपाई ही मुश्किल हो रही है। हद तो यह है कि स्कूलों में फीस बढ़ाने के लिए तीन साल की बाध्यता है। स्कूल की फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की अनुशंसा भी जरूरी है लेकिन इसमें नियमों को धता बताया गया है।
बाक्स….
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षा 9 से 12 वीं तक शासकीय विद्यालयों की छात्र संख्या
ब्लाक  कक्षा 9    कक्षा10    कक्षा 11 कक्षा 12 योग
गंगेव    2689    2550    2465    1428     9132
हनुमना    2665    2405    1842    1176     8088
जवा    2386    2233    1897    919     7435
मऊगंज    2038    2109    2219    1366     7732
नईगढ़ी    1890    1870    1402    661     5823
रायपुर     1944    2102    1640    1102     6788
रीवा    4882    5331    5350    3971     19534
सिरमौर    2968    3081    3395    1967     11411
त्योंथर    2122    1818    1563    802      6305
योग    23584    23499    21773    13392      82248
———–
अशासकीय एवं अन्य विद्यालयों की छात्र संख्या
ब्लाक कक्षा 9   कक्षा10  कक्षा 11 कक्षा 12     योग

गंगेव    912    869    724    664     3169
हनुमना    701    771    528    259     2259
जवा    725    747    717    498     2687
मऊगंज    1062    1031    743    515     3351   
नईगढ़ी    581    449    432    340     1802
रायपुर     856    758    483    446     2543
रीवा    5743    6092    5133    4607     21575
सिरमौर    1109    1133    1116    737     4095
त्योंथर    1235    1107    1023    727     4092
योग    12924    12957    10899    8793  45573

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