The investigation report against the Trap employee was to be submitted within two days, but it could not be completed even after a year…
रीवा। जिले में स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार करते जा रहे हैं लेकिन अधिकारी मौन साधे बैठे हुए हैं। यहां किसी भी मामले को दबाने के लिए जांच टीम बना दी जाती है और फिर जांच के नाम पर मामले को दबा दिया जाता है। हालांकि अब इन अधिकारी-कर्मचारियों पर लोकायुक्त पुलिस ने अपनी नजर तेड़ी कर ली है और कार्यवाही की जा रही है। रायपुर कर्चु. सीएससी में सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी व बीएमओ डॉ.कल्याण सिंह को 8 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया गया था। इन दोनो अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कई जांचे लंबित हैं जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं। शिवशंकर तिवारी के खिलाफ 12 माह पूर्व बनाए गए जांच दल का है, जिसे दो दिन में रिपोर्ट देनी थी लेकिन 12 माह बीत जाने के बाद भी अब तक जांच नहीं पूरी की जा सकी।
इन पर महिला डाटा इंट्री ऑपरेटर ने अश्लीलता का अरोप लगाया तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामला कलेक्टर तक पहुंचा। कलेक्टर एक्टिव भी हुईं और सीएमएचओ को जांच के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने जांच टीम गठित कर दी और दो दिन के अंदर जांच दल को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा। अब हालात यह हैं कि अब तक जांच पूरी ही नहीं हो सकी, जबकि इस मामले को 9 माह से अधिक समय बीत चुका है। जिससे जिन अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके कर्तव्य निष्ठा और कार्य के प्रति जिम्मेदारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जांच पूरी नहीं होने से आरोप सही है कि गलत, यह तय नहीं हो पा रहा है। अब लगभग इस आरोप की जांच को अधिकारी भूल चुके हैं।
50-50 हजार रुपए भी वसूले
बता दें कि शिवशंकर तिवारी पर कई महिलाओं ने शिकायत करते हुए आशा भर्ती के नाम पर ठगी किए जाने का आरोप भी लगाया था। 8 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसकी जांच नहीं हो सकी। आशा कार्यकर्ता के नाम से 50-50 हजार रुपए की वसूली एपीएम द्वारा कई महिलाओं से किए जाने का आरोप है। बता दें कि शिवशंकर तिवारी के खिलाफ पूर्व में भी कई जांच हैं, लेकिन अब तक वह पूरी नहीं हो सकी।
सीएमएचओ पर ही लगाने लगे थे आरोप
बता दें कि जिस शिवशंकर तिवारी को लोकायुक्त ने टे्रप किया, उन्हें जब एपीएम की जिम्मेदारी से हटाया गया तो वह सीएमएचओ पर ही गंभीर आरोप लगाने लगे। इधर रायपुर कर्चु. में हो रही मनमानी की शिकायत सीएमएचओ से हुई तो वह कार्यवाही कर ही रहे थे कि शिवशंकर तिवारी रंगे हाथ ट्रेप हो गए।
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