The ‘Chalo College’ campaign has slowed down in the district, colleges are not breaking their grip in the cold weather…
विंध्य वाणी, रीवा। जिले के अधिकांश महाविद्यालयों ने अभी कॉलेज चलो अभियान को गति नहीं दी है। कुछ महाविद्यालयों ने अभियान संबंधी एक-दो कार्यक्रम किए और उसके बाद प्रचार-प्रसार रोक दिया। जबकि अभियान को सतत् संचालित करने के निर्देश विभाग ने दिए थे। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग का निर्देश जारी हुए एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत गया है। 5 दिसंबर से अभियान की शुरुआत करनी है जो 5 जनवरी तक चलेगा। अभी महाविद्यालयों में जिम्मेदार ठण्ड का बहाना लेकर जकड़े हुए हैं। ऐसे में विभाग का कॉलेज चलो अभियान अभी और हासिये पर ही रह सकता है। गौरतलब है कि मप्र शासन के निर्देश पर विभाग प्रत्येक वर्ष नया शिक्षण सत्र शुरु होने से पहले कॉलेज चलो अभियान संचालित करता आ रहा है। अब चूंकि नया शिक्षण सत्र 2026-27 आगामी जुलाई से प्रारम्भ होना है, जिसके पहले कॉलेज चलो अभियान संचालित करने के निर्देश विभाग ने गत माह में जारी कर दिए हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार यह अभियान आगामी 5 जनवरी तक संचालित होना है।
12वीं के छात्रों को करेंगे प्रेरित
अभियान के तहत प्रत्येक सरकारी महाविद्यालय अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के छात्रों, शिक्षकों से सम्पर्क करेंगे। महाविद्यालयों द्वारा अपने नजदीक के विद्यालयों में जाकर 12वीं के छात्रों को जागरुक व प्रेरित किया जाता है। कक्षा 12वीं के छात्रों को उच्च शिक्षा अध्ययन के लाभ से अवगत कराया जाता है। साथ ही, छात्र किस संकाय में प्रवेश लेकर अपना हुनर निखार सकते हैं, इसके लिए उन्हें मार्गदर्शन भी दिया जाता है।
अभिभावकों से करना है सम्पर्क
छात्रों के अभिभावकों से भी महाविद्यालयीन शिक्षक संवाद स्थापित करेंगे, ताकि महाविद्यालयों की सुविधाओं और यहां अध्ययन करने पर कैरियर आदि की जानकारी छात्रों, अभिभावकों को सीधे मिल सके। महाविद्यालयों को अभियान के तहत नई शिक्षा नीति के लाभ से अवगत कराने छात्रों के मध्य पम्पलेट का वितरण भी करना होगा। इसके अलावा विद्यालयों में पीपीटी, वीडियो आदि के प्रदर्शन महाविद्यालयीन प्राध्यापक करेंगे, जिसके माध्यम से छात्रों का ध्यान महाविद्यालयीन शिक्षा की तरफ खींचने का प्रयास होगा। अभियान के बेहतर संचालन हेतु महाविद्यालयों को किसी एक प्राध्यापक को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी देनी होगी। इस अभियान के संचालन में होने वाले व्यय की आपूर्ति महाविद्यालयों द्वारा जनभागीदारी मद से की जायेगी।
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