The 13th convocation ceremony was historic under the leadership of Vice Chancellor Dr. Rajendra Kudaria…
विंध्य वाणी, रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह बड़े ही धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया के कुशल नेतृत्व में हुआ यह दीक्षांत समारोह ऐतिहासिक रहा। जहां एक ओर विशेष अतिथियों का मार्गदर्शन छात्राओं को मिला वहीं पीएडी, स्नातकोत्तर को डिग्री व स्वर्ण पदक दिए गए। बता दें कि 13वें दीक्षांत समारोह का आयोजन काफी शांति पूर्वक किया गया। इसके साथ ही राज्य पाल के तय समय पर कार्यक्रम को आयोजित किया गया जिस पर वह भी विवि कुलगुरु की कार्यप्रणाली से काफी प्रभावित हुए।
राज्य पाल मंगुभाई पटेल ने तो मंच से भी कुलगुुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया के कार्यप्रणाली की प्रशंसा की गई। उन्होंने रामायण शोध पीठ जैसी स्थापनाओं के लिए प्रशंसा भी की। इसके साथ ही कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों व छात्रों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। हर वर्ष पर्याप्त बैठक व्यवस्था की समस्या होती थी लेकिन इस वर्ष इस प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं दिखी। इसके साथ ही पदक लेने वाले छात्रों के नाम सहित उनको पोशाक नहीं मिल पाती थी लेकिन इस वर्ष छात्रों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। इस वर्ष अतिथियों के लिए भोज की व्यवस्था भी की गई।
विवि में चर्चा रही कि अब तक के 13 दीक्षांत समारोहों में 13वें दीक्षांत समारोह का आयोजन सबसे अलग और ऐतिहासिक रहा। जिसको लेकर कहा जा रहा है कि कुलगुरु पूर्व से भी कुलसचिव जैसे पदो की जिम्मेदारी में रहे जिससे उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी है और उनकी नम्रता और कार्य कराने की शैली अलग है, जिससे विवि का हर अधिकारी व कर्मचारी उनके कदम से कदम मिलाकर कार्य करने के लिए आगे रहते हैं। यही वजह भी है कि मात्र 10 माह के कार्यकाल में ही विवि कुलगुरु ने कई बड़ी उपलब्धियां विवि के नाम की हैं।
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