SGMH Rewa: The patient's attendant stood for hours with a bottle in his handरीवा। संजय गांधी असपताल अभी तक तो स्टाफ, लिफ्ट आदि का ही अभाव झेल रहा था अब तो यहां हालत ये हो गई है कि मरीजों को बोतल चढ़ाने के लिए बोतल टांगने के स्टैंड तक का अभाव है। अस्पताल में भर्ती मरीज बोतल चढ़ाने के दौरान बीती रात एक अटेंडर बोतल स्टैंड के बिना घंटों हाथ में बोतल लिए खड़ा रहा। जब बोतल खत्म हुई तब जाकर अटेंडर को राहत मिली। संजय गांधी अस्पताल में मुख्य द्वार के समीप आकस्मिक चिकित्सा वार्ड बना हुआ है, अस्पताल आने वाले मरीजों को सबसे पहले यहीं लाया जाकर प्राथमिक उपचार दिया जाता है, लेकिन संजय गांधी अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा वार्ड में ही संसाधनों का अभाव है।
मरीज के अटेंडर ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि वह मरीज को लेकर यहां आए, जांच के बाद मरीज को बोतल चढ़ा दी गई, हमें हाथ में बोतल पकड़ाकर बोतल चढ़ाने वाले चले गए, जो आखिरी में बोतल निकालने आए। जब तक बोतल चढ़ी उसे हाथ में ही पकड़कर रखना पड़ा। न तो हिलडुल सकते थे न ही जगह-जगह डंक मार रहे मच्छर भगा सकते थे।




