
विंध्य वाणी,रीवा। शहर के एकमात्र शासकीय कन्या महाविद्यालय में खेल मैदान की कमी हो गई है। महाविद्यालय के खेल मैदान में कई तरह के निर्माण कार्य हो गए हैं, लिहाजा अब महाविद्यालय की छात्राओं को खेलने के लिए कोई जगह नहीं बची है। शेष जमीन पर सरकारी व गैर सरकारी अतिक्रमण हो चुका है। विगत 30 दिसम्बर 2019 को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीडीसी पहुंचे थे, जहां अतिक्रमण की समस्या सुनते ही उन्होंने तुरंत अतिक्रमण हटाने कलेक्टर को निर्देशित किया था। अब उच्च शिक्षा मंत्री को निर्देश दिए हुए पांच वर्ष से अधिक समय बीत गया, परंतु कलेक्टर द्वारा इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
2 जमीन एकड़ जमीन में कब्जा
गौरतलब है कि कॉलेज के पास कुल 14 एकड़ जमीन है, जिसमें से तकरीबन 2 एकड़ जमीन उद्यान विभाग ने दबा रखी है। कॉलेज की अन्य भूमि पर भी सरकारी व गैर सरकारी अतिक्रमण काबिज है। बताते हैं कि सात साल पहले तत्कालीन उद्योग मंत्री ने दो बार कलेक्टर को निर्देश दिए कि उद्यान विभाग का कब्जा हटाकर जीडीसी की जमीन वापस दिलाई जाए, परंतु उद्योग मंत्री के इस निर्देश को जिला प्रशासन ने अनसुना कर दिया। फिर तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश को भी जिला प्रशासन द्वारा दरकिनार कर दिया गया। इसी कारण आज तक इस मामले में जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की, जबकि अतिक्रमण हटाने के नाम गरीबों के आश्रय व व्यवसायिक स्थल जरुर जिला प्रशासन गिरा रहा है। महाविद्यालय प्रबंधन की मानें तो उक्त भूमि मिल जाने से खेल मैदान की कमी दूर हो सकती है।
स्पोट्र्स काम्पलेक्स को और सुविधाओं की दरकार
बहरहाल, महाविद्यालय के पास एक नया स्पोट्र्स काम्पलेक्स है। इस काम्पलेक्स में भी छात्राओं को खेलने की पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही। वहीं, काम्पलेक्स के बगल से थोड़ी सी खाली जगह दिखती है। उक्त स्थान को महाविद्यालय द्वारा बैडमिंटन कोर्ट के रूप में विकसित किया गया था, जो अब धूल के साथ ओझल हो गया। बता दें कि महाविद्यालय में लाइब्रेरी भवन, दो छात्रावास समेत कक्षा भवन का नवनिर्माण हुआ है तथा कांफ्रेंस हॉल का निर्माण हो चुका है। इन निर्माण कार्यों की वजह से खेल मैदान की कमी आई है।
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