Rewa Municipal Corporation will spend Rs 40 lakh on sterilization of stray dogs
विंध्य वाणी, रीवा। नगर निगम द्वारा शहर के लोगों को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए साल भर में 40 लाख रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। इसके लिए शहर के आवारा कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी कराई जा रही है। नगर निगम द्वारा इसकी जिम्मेदारी छत्ीसगढ़ राज्य की संस्था एनिमल केयर फाउंडेशन दुर्ग को दी गई है। इस संस्था को साल भर के भीतर 4000 कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी करने का लक्ष्य प्रदान किया गया है। उक्त संस्था द्वारा कुकुट पालन केंद्र चिरहुला मेंं कुत्तों की नसबंदी के काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए दो डॉक्टर को तैनात किया गया है उनके द्वारा लगभग दर्जन भर कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।
एनिमल केयर फाउंडेशन दुर्ग के प्रमुख उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि कुत्तों की नसबंदी का काम उनके द्वारा मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल एवं बुरहानपुर जिले जिले के नगर निगम में किया जा रहा है। रीवा नगर निगम चौथा जिला है जहां पर यह काम प्रारंभ किया गया है। उन्हें साल भर में 4000 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य नगर निगम द्वारा दिया गया है। उन्होंने बताया कि भोपाल, इंदौर और बुरहानपुर में पिछले कई वर्षों से उनकी संस्था द्वारा कुत्तों की नसबंदी की जा रही है जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। रीवा नगर निगम द्वारा बीच में यह काम बंद कर दिया गया था जिस कारण यहां पर कुत्तों की आबादी फिर से बढ़ गई है। कुत्तों की नसबंदी का काम लगातार किया जाएगा तभी कुत्तों की बढ़ती आबादी पर अंकुश लग सकता है।
1000 रु. प्रति कुत्ता के हिसाब से किया जाएगा भुगतान
शहर के वाला कुत्तों को पकडऩे के लिए एक गाड़ी लगाई गई है जिसमें एक ड्राइवर के अलावा चार लोग कुत्ते पकडऩे के लिए तैनात किए गए हैं। इनका काम शहर से आवारा कुत्तों को पकड़ कर निर्धारित स्थान पर पहुंचाना है ताकि उनकी नसबंदी की जा सके। नगर निगम द्वारा संस्था को 1000 रुपये प्रति कुत्ता के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।




