रीवा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नगर इकाई ने सोमवार को शासकीय कन्या महाविद्यालय में जमकर नारेबाजी की। तदुपरांत परिषद की महाविद्यालय इकाई द्वारा प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में परिषद की इकाई अध्यक्ष जान्हवी तिवारी व इकाई मंत्री अवनी ङ्क्षसह ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय के प्रमुख द्वार व परिसर में सीसीटीवी नहीं है, जिसके चलते कई बार असामाजिक तत्व महाविद्यालय के अंदर तक प्रवेश कर जाते हैं और छात्राओं से अभद्रता करते हैं। आये दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं और महाविद्यालय की छात्राएं गायब हो रही हैं। इस गम्भीर समस्या की तरफ महाविद्यालय प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट करते हुए परिषद ने पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगवाने तथा परिसर में पुलिस चौकी स्थापना की मांग उठाई है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस तरह की समस्या लेकर जब छात्राएं महाविद्यालय प्राध्यापक या प्राचार्य के पास जाती हैं तो उनसे अभद्रतापूर्ण ढंग से बात की जाती है एवं समस्या दूर करने के बजाय छात्राओं की ही गलती ठहरा दी जाती है जो गलत है। ज्ञापन में कहा गया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को बिना पूछे महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही महाविद्यालय के प्रमुख द्वार की शीघ्र मरम्मत कराने के लिए भी ज्ञापन में कहा गया है। महाविद्यालय में एकल खिड़की की व्यवस्था करने, परिसर व प्रसाधन में साफ-सफाई करवाने और पुराने भवन के खिड़की दरवाजों की मरम्मत करने की मांग भी ज्ञापन में लेख की गई है। ज्ञापन में बताया गया कि महाविद्यालय में छात्राओं को एनसीसी का भी लाभ नहीं मिल रहा। गत वर्ष भी महाविद्यालय द्वारा जानकारी न दिए जाने के कारण कई छात्राएं एनसीसी से वंचित रह गई थीं। उक्त समस्याओं का समाधान 10 दिन में न होने पर परिषद ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान इकाई उपाध्यक्ष भूमिका पाण्डेय, आंचल दुबे, श्रेया दुबे, शिवानी भारती, वंदिता शर्मा, दीपानी पाण्डेय, हर्षिता ङ्क्षसह, श्रेष्ठा द्विवेदी, खुशी भारती, सोनल वर्मा सहित अन्य छात्राएं उपस्थित रहीं।
पटरी से उतरी सुरक्षा व्यवस्था
ज्ञापन में छात्राओं ने खराब वाटर कूलर को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसके चलते छात्राओं को महाविद्यालय में पर्याप्त पेयजल भी नहीं मिलता। बहरहाल, छात्राओं की मुख्य शिकायत पर गौर किया जाये तो यह गम्भीर मसला है। महाविद्यालय के मुख्य द्वार मार्ग में पुलिस का वाहन खड़ा रखने के निर्देश हैं। पुलिस महिला हेल्पलाइन की गाड़ी भी यह तैनात की जाती है। इसके बाद भी यदि छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार परिसर में रहा है तो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था सम्भालने वाले जिम्मेदार ही दोषी है। महाविद्यालय प्रबंधन की बात करें तो उसने छात्राओं की समस्या को कभी संजीदगी से लिया ही नहीं, क्योंकि पुरानी घटनाओं को याद करें तो महाविद्यालय परिसर के भीतर तक पहुंचना अभी भी असामाजिक तत्वों के लिए आसान है, जिन्हें रोकने का समुचित प्रयास फिलहाल नहीं किया गया।
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