Hopes are raised by the efforts of Vice Chancellor Dr. Rajendra Kudaria, APSU puts in all its efforts to capture Maka…
विंध्य वाणी,रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय आज तक राष्ट्रीय स्तर का खेल पुरस्कार माका ट्रॉफी हासिल नहीं कर पाया। सालाना 35 से 40 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी विश्वविद्यालय जोन स्तर की प्रतियोगिताओं में ठीक ढंग से प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है, लिहाजा अभी तक विश्वविद्यालय राष्ट्रीय पुरस्कार की दौड़ से बाहर है। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी (माका ट्रॉफी) हर साल आल इण्डिया विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में ओवरआल बेहतर प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को दी जाती है। गौरतलब है कि एआईयू ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए चार जोन बना रखे हैं। ईस्ट जोन में आने वाले रीवा विश्वविद्यालय ने इस ट्रॉफी को पाने के लिए कभी तीव्र इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। नार्थ जोन के हरियाणा, पंजाब जैसे विश्वविद्यालयों का ही इस ट्रॉफी में अक्सर कब्जा रहता आया है।
रीवा विश्वविद्यालय की तरह प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय भी कभी इस ट्रॉफी में अपना हक नहीं जता सके। बता दें कि वर्तमान कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया जो कि स्वयं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, उनके द्वारा खेल को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं, खेल सहित खिलाडिय़ों के लिए बड़े कदम उनके द्वारा उठाए गए है, हाल ही में एपीएसयू रीवा संभाग ने राज्य स्तर वॉलीबाल प्रतियोगिता का खिताब 25 वर्ष बाद हासिल किया, वर्षो बाद मिले इस पदक ने खिलाडिय़ों में नया जोश भरा है, जिससे अब इस बड़े पदक को लेकर उम्मीद बढ़ गई है।
10 लाख है पुरस्कार राशि
एआईयू द्वारा साल में 60 से 65 राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं। अधिक से अधिक इन राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को यह ट्रॉफी दी जाती है। एआईयू सभी प्रतियोगिताओं में पहले स्थान पर रहे विश्वविद्यालय को 10 अंक देती है। दूसरे स्थान के विश्वविद्यालय को 7 और तीसरे स्थान पर रहे विश्वविद्यालय को 5 अंक देती है। इस तरह पहले स्थान पर कायम होनी वाली टीम को एआईयू माका ट्रॉफी और 10 लाख रुपये की राशि देती है।
अब बदल रही व्यवस्थाएं
बता दें कि पहले शारीरिक शिक्षा विभाग के संचालक का प्रभार खेल से न जुड़े रहने वाले किसी प्राध्यापक के पास रहता था, जिससे वह खेल में इतना ध्यान नहीं देते थे और प्रभार की तरह की कार्य चलता रहता था, जिससे बीते वर्षो में विश्वविद्यालय जोन स्तर की प्रतियोगिताओं में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया लेकिन अब खेल से जुड़े संचालक डॉ.रामभूषण मिश्रा के पास विभाग का प्रभार है, जिसके बाद से व्यवस्थाओं व खेल में काफी सुधार भी हुआ है। वहीं वर्तमान कुलगुरु का पूरा सहयोग शारीरिक शिक्षा विभाग को आगे बढ़ाने व खिलाडिय़ों को हर सुविधा उपलब्ध कराने में मिल रहा है।
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प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, कई खेलो में वह बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। माका ट्रॉफी के लिए कड़ी मेहनत खिलाड़ी कर रहे हैं। हाल ही में एपीएसयू रीवा संभाग को राज्य स्तरीय वॉलीबाल चैंपियन का खिताब मिला है।
डॉ.रामभूषण मिश्रा, संचालक शारीरिक शिक्षा विभाग एपीएसयू।
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