Demarcation order issued on fake signature of former Deputy Commissioner, SDM IAS VAISHALI JAIN gave notice to Naib Tehsildar Yatish Shukla:रीवा। प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले में फंसे रीवा के नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनकी कार्यप्रणाली को मीडिया ने सार्वजनिक किया है। प्रदेश के चर्चित अखबारों में उनकी कार्यप्रणाली को लेकर खबर प्रकाशित की है। मीडिया ने बताया कि एक विवादित भूमि के सीमांकन को लेकर नायब तहसीलदार ने इतनी जल्दबाजी कर दी अब यही जल्दबाजी उनके लिए ही सिरदर्द बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो फर्जी हस्ताक्षर से आए आवेदन पर सीमांकन का आदेश नायब तहसीलदार ने जारी कर दिया। मामले को लेकर एसडीएम आईएएस वैशाली जैन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामला पूर्व डिप्टी कमिश्रर राजस्व नवीन तिवारी से जुड़ा हुआ है। सीमांकन के लिए किए गए आवेदन में उनका हस्ताक्षर फर्जी बताया जा रहा है। इस आरोप को जब सभी तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गयाा तो यतीश शुक्ला ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और सीमांकन के आदेश जारी कर दिए। जिसके बाद एसडीएम ने नोटिस जारी कर नायब तहसीलदार से तत्थ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है।
क्या है पूरा मामला…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया गया कि वार्ड क्रमांक 26 लालन टोला बदराव में विवादित भूमि है, जिसका प्रकरण जिला न्यायालय में चल रहा है। इसी भूमि के भूमि स्वामी महेन्द्र तिवारी ने बताया कि उनकी जमीन में उनके सभी चाचा जिसमें पूर्व डिप्टी कमिश्रर राजस्व नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी सहित अन्य ने अपना नाम चढ़वा लिया था। अधिनस्थ न्यायालय से सभी खसरा नंबरों पर 1/6 का हिस्सा दे दिया गया है। जिसकी अपील उनके द्वारा जिला न्यायालय में की गई है जो प्रकरण विचाराधीन है। जब न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन था तभी इस विवादित भूमि का बंटवारा कर सबके नाम तत्कालीन तहसीलदार द्वारा खसरा नंबर बटांकित कर चढ़ा दिया गया। इनमें से मीना तिवारी सहित नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी, दुर्गा प्रसाद तिवारी द्वारा सीमांकन का आवेदन दिया गया है। जबकि जिन बटांकित नंबरों पर वह सीमांकन कराना चाहते हैं उनमें महेन्द्र तिवारी सहित अन्य भाईयों का भी हिस्सा लेकिन इसके बावजूद भी नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला इस भूमि का सीमांकन कराने का आदेश जारी कर चुुके है। जबकि आपत्ति जाहिर की गई लेकिन उसका कोई निराकरण नहीं किया गया। इसी सीमांकन के लिए दिए गए आवेदन में पूूर्व डिप्टी कमिश्रर नवीन तिवारी एवं मीना तिवारी के फर्जी हस्ताक्षर हैं। इस बात की जानकारी नायब तहसीलदार को दी गई थी लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की, जिसको लेकर कलेक्टर व एसडीएम को शिकायत की गई थी। मामले को संज्ञान लेकर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को नोटिस जारी किया है। वहीं कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निराकरण न होने तक सीमांकन के लिए रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नायब तहसीलदार इन दिनों राजस्व अधिकारी के रूप में कम भूमाफिया के रूप में ज्यादा चर्चाओं में हैं। यहां आने वाले पीडि़त उन्हें अब भूमाफिया कहने लगे हैं। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि उनके द्वारा रीवा में लंबे समय से पदस्थापना का पूरा लाभ लिया जा रहा है। रीवा के सभी बड़े भूमाफिया उनके संपर्क में हैं और उनके द्वारा विवदित भूमियों को इसी प्रकार से जबरन सीमांकन व राजस्व संबंधित कार्यवाही कराई जाती है। इतना ही नहीं अधिकारी के जरिए भूमाफिया पीडि़त पक्षों पर दबाव भी बना रहे हैं ऐसा भी चर्चा में कहा जा रहा है। वहीं कहा जा रहा है कि नर्सिंग घोटाले में फंसे नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला पर कार्यवाही तय है, इसलिए उनके द्वारा अब ऐसे मामलो पर आर्थिंक लाभ लेकर एक पक्षीय निर्णय लिया जा रहा है। बता दें कि उनकी कई वर्षो से रीवा में ही पदस्थापना को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है।
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