BREAKING NEWS: APSU was preparing to establish a Ramayana Peeth, Niwari Collector ordered a bulldozer to be used on the designated land…
विंध्य वाणी, रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की जमीन पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ही अवैध कब्जा कराए जाने का मामला सामने आया है, ऐसा कहना गलत इसलिए नहीं होगा कि विवि की भूमि पर बिना विवि को सूचना दिए ही कलेक्टर निवाड़ी ने बुलडोजर चलवा दिया। इतना ही नहीं इस भूमि पर मनमानी कब्जा जमाते हुए दुकान निर्माण की तैयारी की जाने लगी। इस भूमि पर विवि प्रबंधन द्वारा रामायण पीठ की स्थापना की जानी है। रामायण पीठ स्थापना का कार्य नववर्ष के साथ ही शुरु किया जाना था लेकिन यहां अवैध कब्जा कर लिया गया। अब विवि प्रबंधन ने इस मामले को लेकर कलेक्टर निवाड़ी को पत्र लिखा है। बताया गया कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की करीब पौने दो एकड़ जमीन निवाड़ी जिले के ओरक्षा में श्री रामराजा मंदिर के समीप स्थित है, ओरछा में भगवान श्रीराम की पूजा राजा के रूप में होती है और विश्वविद्यालय के पास वहां भूमि भी उपलब्ध है। जिससे विवि प्रबंधन यहां रामायण पीठ की स्थापना करने जा रहा है, जिसको लेकर औपचारिकताएं पूरी हो गई है। नव वर्ष के जनवरी माह में ही यहां निर्माण कार्य का श्री गणेश करने की तैयारी में भी विवि प्रबंधन है लेकिन इसी बीच रविवार को जब ओरक्षा में विवि की भूमि पर कलेक्टर निवाड़ी के द्वारा बुलडोजर चलाए जाने की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। दीक्षांत समारोह की तैयारियों के बीच कलेक्टर निवाड़ी आईएएस जमुना भिड़े को पत्र लिखा है, इसके साथ ही उच्च स्तर पर इसकी जानकारी दी गई है।
एपीएसयू को नहीं दी कोई सूचना
बता दें कि कलेक्टर निवाड़ी द्वारा की गई इस कार्यवाही की कोई सूचना एपीएसयू प्रबंधन को नहीं दी गई, न ही कोई पत्र विवि को प्रेसित किया गया। मनमानी बिना किसी सूचना दिए ही कार्यवाही कर दी गई। विवि प्रबंधन की माने तो ओरक्षा में विवि की पौने दो एकड़ जमीन में बाउंड्रीबाल का निर्माण कराया गया था, पूरी जमीन में बाउंड्री बनी हुई है लेकिन इसके बाद भी तोडफ़ोड़ करते हुए यहां कब्जा जमाने का प्रयास किया गया। हालांकि ऐसा क्यों किया गया इसका स्पष्ट कारण नहीं आया लेकिन चर्चा है कि वहां व्यवसायिक दुकाने बनाने या फिर पर्यटन विभाग को दिए जाने के लिए यह कार्यवाही की गई है। हालांकि विवि प्रबंधन का कहना है कि इस प्रकार से उनकी निजी भूमि पर कोई अधिकार नहीं जमा सकता है, यह पूरी तरह से गलत है।
अंतरराष्ट्रीय शोध का केंद्र बनेगा रामायण पीठ
अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के साथ एपीएस विश्वविद्यालय पहले ही एमओयू कर चुका है। इसके तहत अयोध्या के संस्थान की सहायता से रीवा में शोध और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। अब तक दो राष्ट्रीय संगोष्ठियां संपन्न हो चुकी हैं, जिनमें ‘वनवासी रामÓ और ‘दंडकारण्य में श्रीरामÓ विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, एक बड़ी प्रदर्शनी भी रीवा में आयोजित की गई थी। मध्यप्रदेश सरकार श्रीराम वन गमन पथ के लिए 1450 किलोमीटर लंबा धार्मिक कॉरिडोर तैयार कर रही है। इसमें चित्रकूट, सतना, रीवा, पन्ना, शहडोल, जबलपुर, कटनी, अनूपपुर, विदिशा, होशंगाबाद सहित कई जिले शामिल हैं। इस कॉरिडोर में विभिन्न तीर्थ स्थलों का विकास किया जाएगा। रीवा में रामायण पीठ की स्थापना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र श्रीराम के वन गमन मार्ग का हिस्सा है। इसमें श्रीराम और रामायण से जुड़े हर पहलू पर शोध की व्यवस्था की जाएगी। इससे न केवल शोधार्थियों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह विंध्य क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से वैश्विक पहचान दिलाने में भी मददगार होगा।
दीक्षांत के बाद जाएगी टीम
वहीं विवि प्रबंधन को इस कार्यवाही सूचना मिलते ही कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया ने इस पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं, रविवार को कलेक्टर निवाड़ी से बात भी इस संबंध में की गई व विवि की भूमि पर किसी प्रकार का कोई निर्माण न करने की बात कही गई है। इतना ही नहीं दीक्षांत समारोह के ठीक के बाद कुलगुरु सहित विवि की टीम ओरक्षा जाएगी, जहां इस मामले के हर पहलुओं पर जांच की जाएगी व पत्राचार किया जाएगा।
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ओरक्षा में एपीएसयू की पौने दो एकड़ भूमि पर रामायण पीठ की स्थापना की जानी है, जानकारी मिली है कि कलेक्टर निवाड़ी के आदेश पर इस भूमि पर तोडफ़ोड़ कर निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है, विवि को सूचना भी इस कार्यवाही के संबंध में नहीं दी गई। मामले को संज्ञान लेकर कार्यवाही की जा रही है, पत्राचार किया गया है।
डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया, कुलगुरु एपीएसयू रीवा।
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