रीवा। जिले के सरकारी विद्यालय भवनों की हालत किसी से छुपी नहीं है। प्राय: हर साल बरसात के मौसम में भवनों की गुणवत्ता सामने आ जाती है। चाहे विद्यालयों के पुराने भवन हों या नवनिर्मित। नया मामला प्राथमिक विद्यालय चौबे टोला का है। सिलपरा विद्यालय संकुल केंद्र अंतर्गत आने वाले उक्त प्राथमिक विद्यालय के कक्ष की छत का प्लास्टर बुधवार को गिर गया। बताते हैं कि विद्यालय की शिक्षकों ने जैसे ही कक्ष का ताला खोलकर अंदर प्रवेश कर टाटपट्टी बिछाई, छत का प्लास्टर भराभर कर गिरने लगा और कुछ ही देर में करीब पचास वर्गफीट क्षेत्रफल का प्लास्टर छात्रों के ऊपर आ गिरा। इस घटना में विद्यालय का एक अबोध छात्र ज्यादा घायल हो गया। छात्र के सिर में चोट आई, जिसके बाद आनन-फानन में छात्र को शिक्षक पहले बिछिया अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां से फिर जीएमएच अस्पताल ले गए। हालांकि चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद छात्र को छुट्टी दे दी और अभिभावकों की मौजूदगी में छात्र को घर भेज दिया गया। इधर, घटना के बाद विद्यालय भवन का निरीक्षण जिला परियोजना समन्वयक व संकुल प्राचार्य ने किया। विद्यालय भवन के उक्त कक्ष की स्थिति को देखते हुए उसमें ताला बंद करा दिया गया है।
गौरतलब है कि गत वर्ष बरसात के मौसम में इसी तरह घोघर स्थित विद्यालय की छत का प्लास्टर भी टूट कर गिर गया था। यही घटना चिरहुला के प्राथमिक विद्यालय में भी हो चुकी है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन नौनिहालों के जीवन को संकट में डाल रहे हैं। गत दिवस गुढ़ चौराहा स्थित शासकीय विद्यालय क्रमांक 2 की छत से भी पानी रिसने की शिकायत आई है, जिससे कक्षों में पानी भर रहा है। इस मामले में भी फिलहाल जिम्मेदारों ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
कटोरीनुमा छत से रिसता है पानी
बताया गया कि चौबे टोला प्राथमिक विद्यालय के उक्त भवन का निर्माण करीब 20 वर्ष पहले हुआ था। तब निर्माण में लापरवाही का आलम यह था कि भवन की छत कटोरीनुमा हो गई, जिसके चलते सदैव बरसाती मौसम में भवन की छत में पानी भरा रहता रहा। इसी कारण बुधवार को भवन के एक कक्ष के छत का प्लास्टर गिर गया। बताते हैं कि इस भवन में कुल 3 कक्ष हैं, ताला बंद होने के बाद अब 2 कक्ष बचे हैं। इन दो कक्षों की छत से भी पानी नीचे रिसता है। यानि इन कक्षों की छत का प्लास्टर भी गिर सकता है, जिससे शाला में पढऩे वाले करीब 50 छात्रों के सिर पर हमेशा खतरा मंडराता रहेगा।
भवन के पीछे खोदकर बना दिया तालाब
बहरहाल, बुधवार को घटना के बाद डीपीसी व संकुल प्राचार्य ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया और पंचनामा तैयार किया। डीपीसी ने चुनाव के बाद भवन की मरम्मत का आश्वासन दिया है। बताते हैं कि स्थानीय ग्रामवासियों ने विद्यालय भवन के पीछे की मिट्टी निकालकर वहां तालाब जैसा गड्ढा तैयार कर दिया है, जिसके चलते कभी भी विद्यालय भवन पूरी तरह धराशायी हो सकता है। अब आंख के अंधों को कब विद्यालय भवन की महत्ता दिखाई देगी, यह फिलहाल प्रश्न का विषय है।
००००००००००००
सभी ताजा खबरें पढ़ने के लिए कृपया जरूर जुड़े🙏
Join Now





