रीवा। मीडिया सूत्रों कि माने तो माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि रीवा की साख दागदार होती जा रही है। परिसर में गुंडई चल रही है। जूनियर के बाद अब सीनियरों के उपद्रव का मामला सामने आया है। मामले में दो छात्रों के ऊपर विवि प्रबंधन ने एक सप्ताह के लिए परिसर में इंट्री पर रोक लगा दी है। ज्ञात हो कि रीवा में इंजीनियरिंग कॉलेज की जमीन का अधिग्रहण कर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की नींव रखी गई। करीब 50 करोड़ से इस महाविद्यालय भवन का निर्माण कराया गया। उम्मीद थी कि इस नए विवि से विंध्य सहित अन्य जिलों के छात्रों को कॅरियर बनाने का मौका मिलेगा, लेकिन यह विवि परिसर अखाड़ा और लड़ाई का मैदान बनकर रह गया है। यहां प्रबंधन अपने हिसाब से राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। यही वजह है कि छात्र बेकाबू हो चुके हैं। यहां हर दिन मारपीट और लड़ाई हो रही है। प्रबंधन इस पर अंकुश लगाने में लाचार दिख रहा है। ताजा मामला बीजेएमसी तृतीय सेमेस्टर के छात्रों का सामने आया था। पिता, छात्रा और छात्र को बेल्ट से पीटा गया था। इसके बाद नया विवाद सीनियर छात्रों का भी सामने आया है। एमएएमसी के तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के बीच भी 26 सितंबर को विवि परिसर में दो छात्र राहुल यादव और धीरज झा के बीच जमकर मारपीट हुई। दोनों ने परिसर में आतंक मचाया। पूरा प्रबंधन देखता रहा, लेकिन उनके आतंक पर अंकुश नहीं लगा पाया। गाली गलौज से लेकर हाथापाई तक हुई। जूता और चप्पल से एक दूसरे को मारा। इस घटना ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि परिसर को ही बदनाम कर दिया। हालांकि इस दाग को धोने की भी कोशिश की गई है। परिसर प्रभारी सूर्य प्रकाश ने राहुल यादव एमएएमसी तृतीय सेमेस्टर और धीरज झा तृतीय सेमेस्टर पर कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। राहुल यादव एवं धीरज झा को परिसर के कार्यालयीन कक्ष सहित कोरीडोर में प्रवेश तत्काल प्रभाव से 1 सप्ताह के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इस घटना के जो भी साक्षी थे। उन सभी के बयान भी दर्ज किए गए हैं.
विश्व सिनेमा दिवस के अवसर पर बीजेएमसी के तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के बीच भी मारपीट की घटनाएं हुईं थी। इस मामले में भी जांच बैठाई गई है। 29 सितंबर को मामले में बयान लेने के लिए दोनों पक्षों को बुलाया गया था। हालांकि पीडि़त पक्ष प्रबंधन पर मनमानी का आरोप पहले ही लगा चुका है। भोपाल तक शिकायत की है। इसके बाद पीडि़त छात्र बिहार चला गया है। पीडि़त के न पहुंचने के कारण बयान दर्ज नहीं हो पाया।
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