रीवा। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मेडिकल क्लेम के फाइलों पर कुंडली मार कर बैठा है। कई माह से फाइलें कॉलेज में धूल खा रही हैं, लेकिन उनका निपटारा नहीं हो सका है। इसके पीछे की वजह जिम्मेदार मेडिकल काउंसिल की बैठक न होना बता रहे हैं। ऐसे में जिनका प्रकरण फंसा हुआ है, वह परेशान हो रहे हैं। साफ शब्दों में कहा जा सकता है कि शासन से मिलने वाली सुविधा उनके ही मातहतों को नहीं मिल पा रही है। कॉलेज में कई ऐसे मामले फंसे हुए हैं और मेडिकल क्लेम के लिए हितग्राही भटक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय सेवकों को सरकार मेडिकल भत्ता मुहैया कराती है। यानी बीमार होने की दशा में आने वाले अधिकतर खर्च को सरकार खुद वहन करती है। लेकिन इसके लिए मेडिकल कॉलेज से फाइल को पास करानी पड़ती है। लेकिन श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में ऐसा नहीं हो पा रहा है। कई से मेडिकल क्लेम लेने के लिए शासकीय कर्मचारी जिम्मेदार चिकित्सक और बाबुओं के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उनका निपटारा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कई कर्मचारियों के सामने आर्थिक तंगी भी खड़ी हो गई है। लेकिन इससे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
एक माह में होता है निराकरण
किसी भी शासकीय कर्मचारी का यदि उपचार स्थानीय संजय गांधी अस्पताल में नहीं हो पाता तो, उसे इलाज के किए महानगरों के अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इसके बाद वहां आने वाले खर्च की अदायगी सरकार करती है। इसके लिए संबंधित कर्मचारी को फाइल कम्पलीट करके मेडिकल कॉलेज में भेजी जाती है, जिसका निराकरण एक माह के भीतर करना होता है, लेकिन श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में ऐसी फाइलें साल भर से धूल खा रही हैं।
सेटिंग से पहले हो जाता है बिल पास
जिनके बिल व फाइले अटकी हैं, सूत्रों की मानें तो उसके पीछे की सबसे बड़ी वजह लेनदेन या सेटिंग न होना बताई जा रही है। बिल पास कराने के लिए संबंधित को चढ़ोत्तरी चढ़ाई जाती है। जिसके बाद फाइल पूरी कर उसे मेडिकल काउंसिल की मीटिंग में रखा जाता है। किस फाइल को पास करना है इसकी जानकारी समिति के सदस्यों को भी होती है, लिहाजा वह तत्काल उस फाइल में हस्ताक्षर कर बिल पास करने की अनुमति दे देते हैं। लेकिन जिसमें सेटिंग नहीं होती वह मामला सालों अटका रह जाता है। ऐसी चर्चाएं मेडिकल कॉलेज कर्मचारियों के बीच में भी होती रहती हैं।
मीटिंग का दे रहे हवाला
इस मामले में जब जिम्मेदार चिकित्सकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेडिकल क्लेम का बिल पास करने के लिए समिति की बैठक होती है। जिसकी अध्यक्षता संभागायुक्त करते हैं। पिछले कई माह से बैठक नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से मेडिकल क्लेम की फाइलें पास नहीं हुई हैं।
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