रीवा। रीवा के बैकुंठपुर का एक ऐसा भी परिवार है, जिन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मां, पिता के साथ बेटी ने भी भारत छोड़ों आंदोलन में हिस्सा लिया। बेटी की उम्र कम थी। मां बाप जेल गए तो बेटी को भी साथ ले गए। यहां उन्हें पंडिज विजलक्ष्मी और पूर्व प्रधानमंत्री का सानिध्य मिला। आजादी के बाद भी यह परिवार राजनीति से जुड़ा रहा। लोगों की सेवा के लिए राजनीति में बने रहे। चुनाव में भी लड़े और विधायक बनकर कई सालों तक राजनीति में सक्रिय रहे। अब इन तीनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से कोई भी जीवित नहीं रह गया है लेकिन इन्हें इस आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव में भुलाया भी नहीं जा सकता।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रीमती तारा देवी
श्रीमती तारा देवी का जन्म बैकुंठपुर में रामावतार शर्मा के यहां 1935 मेंं हुआ था। यह कुछ वर्ष ही अपने माता पिता के साथ रहीं। उसके बाद इनका लाल महावीर सिंह इलाकेदार और पत्नी श्रीमती चम्पा देवी ने गोद ले लिया। दत्तक पुत्री बनीं। यह इन लोगों के साथ रहने लगीं। अपना माता पिता भी इन्हीं को मानने लगी। उनका लालन पालन इलाकेदार परिवार में हुआ था। माता पिता मिलने आते जाते थे। जब लाल महावीर सिंह और श्रीमती चम्पा देवी वर्ष 1942 में भारत छोड़ा आंदोलन में जेल गए तो अपनी बेटी को भी साथ ले गए। नैनी सेंट्रल जेल में श्रीमती विजयलक्ष्मी, इंदिरा गांधी भी इनको बेटी जैसी मानकर खुद देखभाल करती थीं। इनको घर में बूटी बुलाते थे, तो वो लोग भी बूटी कहने लगे थे। तारा देवी का नाम विजयलक्ष्मी पंडित ने अपनी बेटी के नाम नयनतारा से मिलाते हुए इनका नाम भी तारा रखा। उस दिन से इनका नाम तारा देवी हो गया। 14 वर्ष की उम्र में वर्ष 1955 में इनका विवाह श्रीमती चम्पादेवी ने ब्राम्हण परिवार में ग्राम खुझ रायपुर कर्चुलियान रीवा में एक प्रतिष्ठित पविार में किया था। उनका कन्यादान लाल महावीर ङ्क्षसह एवं चम्पा देवी ने किया। चम्पा देवी की दो बेटियां और एक बेटा था। बेटा इंदौर में विटनरी सर्जन थे। चम्पा देवी का निधन 1978 में 56 वर्ष में उम्र में हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लालमहावीर सिंह
लाल महावीर सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जन्म बैकुंठपुर इलाकेदार स्वर्गीय लाल पद्मुन नाम सिंह के यहां हुआ था। इनके तीन भाई थे। लाल नारायण प्रसाद, हारौल नर्मदा प्रसाद बड़े भाई और लाल महावीर सबसे छोटे थे। इनका विवाह वर्ष 1936 में ग्राम कोटवा इलाहाबाद में श्रीमती चम्पा देवी से हुआ था। ये बड़े होने के साथ साथ राजनीति में भी रुचि रखने लगे थे। इनके सभी भाई राजनीति में थे। भारत छोड़ों आंदोलन में वर्ष 1932 में आपके नेतृत्व में कई हस्तियों के साथ भाग लिया और रीवा सेंट्रल जेल में यातनाएं सही। इनके साथ लाल यादवेन्द्र सिंह ग्राम माड़ौ और ग्राम के कई लोग साथ में जेल गए। विवाद के बाद चम्पा देवी का साथ राजनीति में आगे बढ़ता गया। वर्ष 1942 में पुन: भरत छोड़ों आंदोलन में ये दोनों लोग रीवा सेंट्रल जेल और नैनी सेंट्रल जेल में साथ रहे। पुरुष वर्ग में लाल यादवेन्द्र सिंह साथी नर्मदा प्रसाद ङ्क्षसंह, मदन मोहन मालवीय आदि लोग साथ में जेल रहे। राजनीति का कार्य करते रहे। इन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्य में ही लगाया। वर्ष 1973 में इनका निधन हो गया। इनकी कोई संतान नहीं थी। दीवान रामावतार शर्मा की बेटी को दत्तक पुत्री बना लिया था।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चम्पा देवी
श्रीमती चम्पा देवी का जन्म ग्राम कोटवा इलाहाबाद में रविकरण सिंह जमींदार के यहां 11 सितंबर 1916 को हुआ था। उनका परिवार राजनीतिक था। ये तीन भाई बहन थे। बड़ी बहन कृष्णा कुमारी, बड़े भाई नरेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह थे। यह सबसे छोटी थी। बचपन से ही तीनों भाई राजनीति में रुचि रखते थी। एक मर्तबा श्रीमती इंदिरा गांधी उनकी भी उम्र 10 वर्ष थी। अपनी सहेलियो के साथ उनके ही घर कोटवा पहुंची। यहां जाकर उन्होंने सभी का उत्साह देखा और सभी को इक_ा करके एक वानर सेना बनाई। इसमें कम उम्र के बच्चों और स्त्रियां शामिल रहीं। इन्दिरा गांधी ने चम्पा देवी को अपनी बहन मान लिया और बोली की हमारी बहन हमारा साथ देंगी। बीच बीच कोटवा का दौरा करती हरीं। चम्पा देवी का विवाह 20 वर्ष की उम्र में वर्ष 1926 में लाल महावीर ङ्क्षसह इलाकेदार बैकुंठपुर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ हुआ। यह पति और बेटी के साथ भारत छोड़ा आंदोलन में हिस्सा लीं। आजादी के बाद कांग्रेस ने इन्हें वर्ष 1952 में सिरमौर विधानसभा से टिकट दिया। वर्ष 1957 में फिर टिकट मिली। विजयी भी हुईं। वर्ष 1980 में इन्हें मनगवंा से टिकट मिला। चम्पा देवी यहां से विजयी हुईं थी। इनके पक्ष में प्रचार करने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी स्वयं आईं थी। चम्पा देवी लगातार 10 साल विधनसभा सदस्य रहीं। इन्हें वर्ष 1973 में प्रशस्ति ताम्रपत्र दिया गयाथा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चम्पा देवी की मृत्यु 89 की उम्र में वर्ष 2005 में हुआ है।
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