रीवा। उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रीवा महाराज और युवराज ने धरना दिया। बांधवाधीश मंदिर में इंट्री के लिए जोर आजमाइश हुई। 22 घंटे बाद प्रशासन और पार्क प्रबंधन को झुकना पड़ा। गिरफ्तारी के बाद पुलिस वैन में ही समझौता हुआ। सिर्फ युवराज और समर्थकों को ही मंदिर तक जाने की अनुमति दी गई। टाइगर रिजर्व की जिप्सी से सभी को मंदिर तक पहुंचाया गया। पूजा पाठ कर सालों पुरानी परपंरा को आगे बढ़ाया गया।
ज्ञात हो कि उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में ही बांधवाधीश मंदिर मौजूद है। यह मंदिर काफी पुराना है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्र्व से ही होकर जाना पड़ता है। इस मंदिर को साल में एक मर्तबा ही खोला जाता है। इस मर्तबा यहां पूजापाठ के लिए प्रशासन ने रोक लगा दी थी। लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध कर दिया था। यहां तक कि मंदिर में पूजा अर्चना से भी प्रशासन ने इंकार कर दिया था। इसका रीवा के युवराज और सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह और पूर्व मंत्री महाराज पुष्पराज ङ्क्षसह ने विरोध किया। गुरुवार को ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के गेट पर धरना देने पहुंच गए थे। दिन भर प्रदर्शन चला। समर्थकों के साथ युवराज का प्रदर्शन करीब 22 घंटे चला। समर्थकों और ग्रामीणों की भीड़ बढ़ती देख प्रशासन और पुलिस ने बल मंगा लिए थे। शुक्रवार को हालात उस समय बिगड़ गए जब पुलिस ने जोर जबरदस्ती कर सिरमौर विधायक को हटाने की कोशिश की। धरना खत्म करने के लिए पुलिस ने गिरफ्तारी भी की। विधायक दिव्यराज सिंह और भाजपा नेत्री प्रज्ञा त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें पुलिस वैन में ले जाया गया। यहीं पर समझौते की बात हुई। प्रशासन और सिरमौर विधायक ने बीच का रास्ता निकाला।
जिप्सी से मंदिर तक पहुंचाया गया
प्रशासन ने सिर्फ सिरमौर विधायक और उनके समर्थकों को मंदिर तक जाने की अनुमति दी। वैन में इसी बात पर समझौता हुआ। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मुक्त कर दिया। दिव्यराज सिंह अपने समर्थकों के साथ जिप्सी से मंदिर तक गए। मंदिर में पूजा अर्चना कर सालों पुरानी परंपरा को जिंदा रखा।
इसलिए लगा दी पाबंदी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और जिला प्रशासन ने इस मर्तबा हाथियों के उत्पात की वजह से मंदिर में मेले की अनुमति नहीं दी है। प्रबंधन का कहना है कि मंदिर में आयोजन होगा। मेला लगाया जाएगा। इससे हाथियों के झुंड आक्रोशित हो सकते हैं। कोई अप्रिय घटना न हो इसे ध्यान में रखते हुए मेला के आयोजन पर रोक लगाई गई है।
सिर्फ एक दिन खुलता है मंदिर का द्वार, लगता है मेला
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के घनघोर जंगल में पहाड़ पर बांधवाधीश मंदिर मौजूद है। अद्भुत बांधवाधीश मंदिर में रामजानकी विराजे हुए हैं। इस मंदिर में हर जन्माष्टमी को श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। दूर दूर से लोग भगवान के दर्शन करने पहुंचते हंै। मेले का आयोजन होता है। जन्माष्टमी के दिन यहां भक्तिमय माहौल रहता है।
समझाइश के बाद माने
22 घंटे तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के गेट पर युवराज दिव्यराज सिंह अपने समर्थकों के साथ धरने पर रहे। वह गेट खुलवाने पर अड़े थे। शुक्रवार केा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस द्वारा समझौते और मानमनौव्वल का दौर चला। वैन में ही प्रशासन से लेकर गृहमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और वन मंत्री से बात हुई। मानमनौव्वल के बाद ही युवराज समर्थकों के साथ मंदिर जाने को राजी हुए।
रीवा के पहले बांधवगढ़ थी बघेल वंश की राजधानी
बघेल वंश का इतिहास सालों पुराना है। रीवा बसने से पहले बघेल वंश की राजधानी बांधवगढ़ ही थी। बघेल वंश के 22 वें महाराजा विक्रमादित्य ने बांधवगढ़ से राजधानी को रीवा शिफ्ट किया था। इसके पहले बांधगढ़ में ही बघेल वंश की राजधानी थी। उसी समय बांधवगढ़ में बांधवाधीश मंदिर भी बनवाया गया था। इसका इतिहास भी काफी पुराना है। महाराजा विक्रमादित्य ने वर्ष 1617 में अपनी राजधानी बांधवगढ़ से रीवा में शिफ्ट कर दी थी।
गृह मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मंत्री विजय शाह जी से बात करने के बाद इस निर्णय पर आए हैं कि निश्चित रूप से यह चाहते थे कि यह मंदिर पूर्ण रूप से जनता के लिए खुले। फील्ड डायरेक्टर हैं उन्होंने कहा है कि हाथी रास्ते पर हैं। पहली बात यह है कि यह देखने भी जा रहे हैं कि कितना सही कह रहे हैं। दूसरी बात दर्शन भी करने जा रहे हैं। मुझे बहुत अफसोस है कि मंै अपने साथियों के साथ जा पा रहा हूं। यहां की जनता नहीं जा पा रही है। मैं आशा करूंगा कि हमारे उमरिया और आसपास की रिमही जनता, शहडोल की जनता आने वाले भविष्य में ऐसे दुखद समय को न देखे। हमारे भगवान बांधवाधीश का अगली मर्तबा दर्शन करे।
युवराज दिव्यराज सिंह
विधायक सिरमौर
——–
बातचीत करके यह तय किया गया है कि युवराज दिव्यराज के साथ कम से कम लोग जाकर बांधवाधीश का दर्शन करें। पार्क प्रबंधन और जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में यह मंदिर बंद नहीं होगा। यह समय जंगली हाथियों के आतंक का है। इसलिए इस समय यहां जाने से रोका गया है। प्रशासन की मंशा ऐसी नहीं है कि मंदिर जाने से किसी को रोका जाए। प्रशासन हमारे साथ है। मंदिर यूं ही चलता रहेगा।
दिलीप पाण्डेय
जिला अध्यक्ष, भाजपा उमरिया
०००००००००००००००००००००००






