रीवा। जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या दिनो दिन बढ़ रही है, इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल है। ऐसे में अवधेश प्रताप ङ्क्षसंह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आज से परीक्षा सेमेस्टर परीक्षाएं आयोजित कराने जा रहा है, लेकिन परीक्षा कराने के पहले विवि प्रशासन ने कोई ठोस गाइडलाइन तैयार नहीं की है। जिसमें जिक्र हो कि यदि कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव है तो वह परीक्षा में कैसे शामिल होगा या उसके लिए बाद में परीक्षाएं आयोजित होंगी कि नहीं। इधर हॉल में या बड़े कक्ष में परीक्षा के दौरान कोरोना फैलने का खतरा कई गुना अधिक होगा। जिस पर विवि प्रबंधन संजीदगी से विचार नहीं कर पा रहा है, जबकि लगातार इसको लेकर विरोध भी हुआ। छात्र तो ठीक प्रोफेसर ही दबी जुबान में यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि कोरोना पॉजिटिव छात्रों के लिए विवि यदि अलग कक्षाओं में परीक्षाएं आयोजित कराने की बात भी कहता है तो उन विद्यार्थियों की परीक्षाएं कौन से पर्यवेक्षक लेने को तैयार होंगे। कौन ऐसे विद्यार्थियों को कापियों का बंडल बनाएं और यदि परीक्षा देने के लिए छात्र अपने कोरोना पॉजिटिव होने की बात छिपा लेता है तो हॉल में परीक्षा देने से अन्य विद्यार्थियों व पर्यवेक्षकों को कोरोना होने का खतरा होगा। आखिर ये सारी बातें विवि प्रशासन क्यों सोच और समझ नहीं रहा है।
परीक्षा में करीब 15 हजार छात्रों के शामिल होने की बात कही जा रही है, जो भौतिक रूप से आयोजित होने जा रही परीक्षाओं से कम लेकिन तेजी से फैल रहे कोरोना के कारण ज्यादा भयभीत हैं। विडंबना यह है कि इस बारे में विवि के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है। बता दे कि पूर्व से ही विवि में कोरोना की इंट्री हो चूकी है कुलपति सहित अन्य प्रभावित है, यही हाल कॉलेजों का भी है जिससे खतरा काफी बढ़ा हुआ है। सूत्रों की मानें तो विवि में परीक्षा की घोषणा के बाद छात्र अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी विवि तक दे रहे है, ऐसे कई आवेदन भी दिए जा चुके है, छात्र खुद इस बात को लेकर असमंजस में है कि यदि वह परीक्षा नहीं देते है तो आगे क्या होगा। इतना ही नहीं, कई छात्र ऐसे है जो कोरोना संक्रमितों के संपर्की हंै तो उनको लेकर विवि प्रशासन क्या निर्णय लेगा यह भी साफ नहीं है।
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