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Home » Breaking News:अब घाटे में चला गया रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल! मरीजों को होगी…
अनूपपुर

Breaking News:अब घाटे में चला गया रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल! मरीजों को होगी…

Vindhya VaniBy Vindhya VaniMarch 31, 2023Updated:March 23, 2024No Comments4 Mins Read
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रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल घाटे में चला गया। फ्री मरीजों के इलाज और ऑपरेशन का ग्राफ इतना बढ़ा कि बजट ही अनबैलेंस हो गया। अस्पताल में कमीशन के चक्कर में आयुष्मान मरीजों के ही आपरेशन पर ध्यान ज्यादा है। इससे मंथली निर्धारित सामग्री खरीदी का बजट की अनबैलेंस हो गया है। घाटे में चल रहे अस्पताल के कारण अब हड़कंप की स्थिति है। पेड मरीज दरकिनार हैं।
nज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को निजी अस्पतालों की तर्ज पर शुरू किया गया। करीब 150 करोड़ की लागत से शुरू किए गए इस अस्पताल में सारी सुविधाएं पेड कर दी गई हैं। यहां फ्री में कोई सेवाएं नहीं दी जा रही। इस अस्पताल से उम्मीद थी कि यह अपना खर्च खुद उठा लेगा। हालांकि प्रशासन और शासन की मंशा पर ही पानी फिर गया। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेडिकल कॉलेज की राह पकड़ लिया है। अब यह खुद की कमाई करने की जगह मेडिकल कॉलेज की फंड और शासन की मदद पर ही निर्भर हो गया है। यही वजह है कि सुपर स्पेशलिटी की अव्यवस्थाओं ने अधिकारियों के माथे पर ही बल ला दिया है।

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n80 लाख का सामग्री व्यय भी कम पड़ गया
nसुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कंज्यूमेबल सामग्रियों के लिए प्रतिमाह 80 लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि यह राशि भी कम पड़ गई है। 10 महीने में ही कार्डियक के आयुष्मानधारी मरीजों के इतने आपरेशन और इलाज हुआ कि 800 लाख से भी ज्यादा का खर्च पहुंच गया। यही वजह है कि अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन व्यय सीमा 100 लाख रुपए महीना करने की मांग कर रहा है।

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nआईपीडी में पहुंचे मरीजों की स्थिति
nमाह        आयुष्मान        गैर आयुष्मान
nजनवरी 2022    520        236
nफरवरी         529        217
nमार्च        1708        223
nअप्रैल        1233        170
nमई        1182        192
nजून        1209        172
nजुलाई         1259        155
nअगस्त        1250        180
nसितंबर        1199        228
nअक्टूबर        1002        196
nनवंबर        940        229
nयोग        11531        2198

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nपेड ओपीडी भी ठप पड़ गई
nसुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अतिरिक्त इंकम के लिए पेड ओपीडी की भी शुरुआत की गई। अब यहां डॉक्टर ही नहीं बैठते। यही वजह है कि पेड ओपीडी ही ठप पड़ गई है। सभी डॉक्टर निजी क्लीनिक में समय दे रहे हैं। ऐसे में अस्पताल की एक अतिरिक्त कमाई यहीं के डॉक्टरों ने चौपट कर दी है। स्पेशलिस्ट और नामी डॉक्टरों की गैरमौजूदगी अस्पताल की इंकम पर भारी पड़ रहा है।

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nगैर आयुष्मान कार्डधारियों के लिए मुसीबत
nसुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारियों को ही ऑपरेशन वगैरह में वरीयता दी जा रही है। इसके पीछे वजह आयुष्मान के नाम पर गड़बड़झाला है और दूसरा मिलने वाला कमीशन भी है। डॉक्टर से लेकर स्टाफ तक को आयुष्मान कार्डधारी के ऑपरेशन में कमीशन मिलता है। यही वजह है कि उन्हें वरीयता के साथ ट्रीट किया जाता है। ऑपरेशन के नाम पर इश्यू होने वाले इक्यूपमेंट में भी यहां पर जमकर हेरफेर होता है। कई मामले भी सामने आ चुके हैं।

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nखराब बिल्डिंग और निर्माण पर सवाल
n150 करोड़ से अस्पताल भवन बना लेकिन इसकी समस्याएं कम नहीं हो रही है। बनने के बाद से ही घटिया कामों के मेंटीनेंस पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। रूफ सीलिंग सभी जगहों की जर्जर है। इसे सुधारने के लिए ही अतिरिक्त 8 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। अस्पताल की छत तक टपकती है। इसके मेंटीनेंस की भी कवायद जारी है। विद्युत पैनल जल चुके हैं। इसको सुधारने में भी लाखों रुपए खर्च करने की तैयारी है।
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