रीवा। दो दशक पहले खून की जरूरत बुजुर्गों व 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती थी, लेकिन अब यह आवश्यकता बच्चे एवं युवाओं को भी होने लगी है। इसका बड़ा कारण थैलेसीमिया है। जिम्मेदारों के अनुसार जिले में थैलेसीमिया के 149 मरीज रजिस्टर्ड हैं। इस रोग का प्रकोप इतना है कि मरीजों में सबसे अधिक बी पॉजिटिव ग्रुप की मांग ज्यादा है। इस बीमारी से क्लोज रिलेशन में शादी करने वाले लोग ज्यादा प्रताडि़त मिल रहे हैं। इसके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक तो किया जा रहा है, लेकिन इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा…
Author: Vindhya Vani
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n n n n n n n n n n n रीवा। दो दशक पहले खून की जरूरत बुजुर्गों व 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती थी, लेकिन अब यह आवश्यकता बच्चे एवं युवाओं को भी होने लगी है। इसका बड़ा कारण थैलेसीमिया है। जिम्मेदारों के अनुसार जिले में थैलेसीमिया के 149 मरीज रजिस्टर्ड हैं। इस रोग का प्रकोप इतना है कि मरीजों में सबसे अधिक बी पॉजिटिव ग्रुप की मांग ज्यादा है। इस बीमारी से क्लोज रिलेशन में शादी करने वाले लोग ज्यादा प्रताडि़त मिल रहे हैं। इसके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक तो किया…
