In his 10-month tenure, Vice Chancellor Dr. Rajendra Kudaria has made major achievements for APSU, including 32 new courses and increased facilities….
विंध्य वाणी,रीवा। जिले के सबसे बड़े शैक्षणिक संस्थान अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय ने कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया के कुशल मार्गदर्शन में कई सौगाते छात्रों को मिली हैं। मात्र 10 माह के कार्यकाल में ही उनकी कुशल प्रणाली से कई उपलब्धियां विवि को मिली हैैं। छात्रों को 32 नए पाठ्यक्रमों की सौगात की गई, जिसमें कई ऐसे पाठ्यक्रम रहे जो स्थानीय छात्रों के लिए एक बड़ी सौगात कहा जा सकता है। नए पाठ्यक्रमों में बीटेक (डाटा साइंस), एमटेक (एआई एवं मशीन लर्निंग)व माइनिंग जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने कई पाठ्यक्रम सहित अर्हमू जैन शोध पीठ की स्थापना के साथ एमए में जैनोलॉजी, प्राकृ़त एवं बीए में जैनोलॉज्ी/प्राकृत पाठ्यक्रम शुरु किए गए। इसके अलावा गौसर्वधन एवं सात्विक आहार दो सर्टिफिकेट कोर्स शुरु कराए गए। विवि में कौशल विकास की दृष्टि से डिजाइनिंग, हार्डवेयर, सर्टिफिकेटपाथन, बेव डिजाइनिंग, ब्यूटी केयर, गार्डनिंग आदि रोजगारोन्मुखी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को शुरु कराया गया। इन पाठ्यक्रमों में छात्रों ने रूचि भी दिखाई। यह कोर्स कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया द्वारा शुरु कराए गए।
पहला विवि जहां रामायण शोधपीठ
बता दें कि मात्र 10 माह के कार्यकाल में कुलगुरु ने एपीएसयू में रामायण शोध पीठ व महाराजा मार्तंड सिंह बघेली शोध पीठ की स्थापना की गई। रामायण शोध पीठ स्थापित करने वाला एपीएसयू पहला विवि बना। इसके अलावा ओरक्षा में विवि की भूमि में रामायण शोध संग्रहालय के भवन एपं केशव अध्यापन एवं अनुसांधान केन्द्र का निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई। इस वर्ष विवि में छात्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर की 8 कार्यशालाएं कुलगुरु के प्रयास से हुई, शोध पत्रों का राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशन किया गया। ई-गवर्नेस प्रणाली को लागे किया गया, परीक्षा प्रणाली का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। छात्रों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसमें छात्र घर बैठे अपनी समस्या का निदान कर सकेंगे। इसे वर्ष के अंतिम तक शुरु करने की योजना है। इसके सयाथ ही छात्रों की सुविधा के लिए हेल्प केन्द्र बनाया, जिसमें तय समय में समस्याओं का निराकरण हुआ जिससे छात्रों को काफी राहत मिली। विवि के पत्राचारों में इंडिया की जगह भारत लिखना व विक्रम संमत तिथि की नई परंपरा शुरु की गई।
एमओयू हुए, छात्रों को मिलेगा लाभ
एपीएसयू ने कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया के मार्गदर्शन में नए चार एमओयू किए, जनजातीय कल्याण के लिए जनजातीय कल्याण केन्द्र बरगांव जिला डिंडोरी से, पतंजलि विवि हरिद्वार से एमओयू, एडब्लिट्ज क्रियेटिव कम्युनिकेशन इंडिया औश्र यूएसए से एमओयू किया गया। आईआईटी भिलाई व आआइआईटी जबलपुर से भी एमओयू की चर्चा हो चुकी है, नए वर्ष में एमओयू होगा। इसी प्रकार विवि में पहली बार एक साथ 4 शोध परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। बताया गया कि अब तक विवि ने कुल 44 एमओयू छात्र हित में किए हैं, जिनका लाभ यहां के छात्रों को मिलेगा। इसके साथ ही विवि परिसर में स्वामीविवेकानंद जी की प्रतिमा लगाए जाने की स्वीकृति भी दी गई है।
बीएएमएस कराएगा एपीएसयू
वहीं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ.राजेन्द्र कुड़रिया ने कहा कि विवि में छात्र हित में कई निर्णय लिए गए हैं, जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है। आगामी माहों के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है, जिसमें छात्रों को नए पाठ्यक्रमों सहित रोजगार व समस्याओं के निदान सहित अन्य योजना है। छात्रों के लिए बीएएमएस पाठ्यक्रम, प्राकृतिक चिकित्सा, होटल मैनेजमेंट में डिग्री कोर्स प्रारंभ करना, बीए एवं एमए संस्कृति में कोर्स प्रारंभ करना सहित ऑनलाइन एवं हायब्रिड मोड में रोजगार मूलक कोर्स प्रारंभ करने की योजना है। उन्होंने कहा कि छात्रों को किसी प्रकार की समस्या न हो, समय पर परीक्षा व परिणाम सहित समय पर कक्षाओं का संचालन व पढ़ाई के बाद प्लेसमेंट जैसी सुविधा मिले, इस पर पूरा फोकस किया जा रहा है।
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