Party workers are not ready to become representatives of BJP MLA Engineer Narendra Prajapati…
विंध्य वाणी, रीवा। मनगवां विधायक द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त करने के कुछ घंटे के भीतर जो घटित हुआ उसने विधायक की लोक प्रियता को हासिए में खड़ा कर दिया है। प्रतिनिधि चयन तो सटीक था परंतु अंडर करंट ऐसा होगा, इसका कतई अंदाजा नहीं था। अब क्षेत्र की राजनीति में एक बड़ा तूफान खड़ा हो गया है। अब विधायक मामले को कैसे मैनेज करेंगे यह तो भविष्य बताएगा, परंतु इतना तो तय है कि विधायक के इस कदम ने उन्हें दो राहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में क्षेत्रीय विधायक की भूमिका अहम होती है, चूंकि क्षेत्र बड़ा होने तथा विभागीय दायित्वों की जानकारी लेने में एक अनारए सौ बीमार जैसी स्थिति रहती है। लिहाजा जन प्रतिनिधि कसावट के लिये अपने प्रतिनिधि बनाते आये हैं। यह प्रक्रिया भी मनगवां क्षेत्र में फलीभूत हुई लेकिन कुछ घंटे के भीतर ही सोशल मीडिया में प्रतिनिधि के इस्तीफे ट्रेंड होने लगे।
माजरा मंगलवार से शुरु हुआ, जो बुधवार की सुबह चर्चा में आ गया। ग्रामीण अंचल में जो बयार बही उसने राजनैतिक विसात में बड़े उलट फेर का संकेत भी दे डाला है। दरअसल इंजीनियर के रूप में राजनीति में दखल रखने वाले पार्टी बदल कर भाजपा में पहुंचे नरेन्द्र प्रजापति को नया घोसला इस कदर लाभदायी हुआ कि उन्हें मनगवां से विधायक की टिकट भी मिली और पार्टी कार्यकर्ताओं की जुगलबंदी ने उन्हें विधायक का सेहरा भी पहना दिया। अब वहीं कार्यकर्ता अपने जिताये हुये विधायक के क्रियाकलाप से दुखी अथवा नाराज हैं। यही वजह रही कि एक साथ चार विधायक प्रतिनिधि ने 24 घंटे के भीतर ही अपना इस्तीफा दे दिया।
पार्टी का कार्यकर्ता बना रहना ही पर्याप्त
मनगवां विधायक इंजी.नरेन्द्र प्रजापति का पार्टी के कार्यकर्ता खुलेआम विरोध पर उतर आये हैं। यह बात उनके प्रतिनिधि पद से दिये गये इस्तीफे में साफ झलक रही है। प्रतिनिधियों ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह विधायक प्रतिनिधि का दायित्व निर्वहन नहीं कर सकते हैं। उनके लिये पार्टी का कार्यकर्ता बना रहना ही पर्याप्त है। ऐसे में यह तो साफ है कि कार्यकर्ताओं का पार्टी से मोह भंग नहीं हुआ, बल्कि जिन्हें उन्होंने मेहनत कर विधायक बनाया उनके क्रियाकलाप पसंद नहीं आ रहे हैं।
त्योंथर विधायक की फोटो में सफेदा पोतकर सुर्खियों में आये
मनगवां विधायक इंजी.नरेन्द्र प्रजापति कुछ माह अपने करतूत को लेकर पूर्व प्रदेश भर में सुर्खियों में आ गये थे। वे रीवा एयर पोर्ट मुख्यमंत्री के अल्प प्रवास पर मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे। लेकिन इंजी. नरेन्द्र प्रजापति ने जब अपने सोशल मीडिया अकाउंट में उक्त फोटो पोस्ट की थी तो सफेदा पोतकर विलुप्त कर दिया उसमें त्योंथर विधायक को था। इस मामले में उनकी काफी किरकिरी हुई थी। बाद में उन्हें पार्टी के आलाकमान के सामने सफाई देनी पड़ी थी।
धरना प्रदर्शन से जनता ने भगाया
कुछ माह पूर्व ही मनगवां में स्थित एक प्राचीन मंदिर में देवी.देवताओं की मूर्ति को खंडित करने का मामला सामने आया था। स्थानीय लोगों ने आरोपियों को पकडऩे के लिये धरना दिया था। इस धरना में विधायक इंजी.नरेन्द्र प्रजापति पहुंचे थे, लेकिन विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें भला-बुरा कहते हुये वहां से चलता कर दिया था। ऐसे में जाहिर है कि इंजी. नरेन्द्र प्रजापति की लोकप्रियता न सिर्फ कार्यकर्ताओं, बल्कि जनता के बीच भी नहीं रह गई है। जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
इन्होंने दिया इस्तीफा
जगजीवन लाल तिवारी को विधानसभा क्षेत्र के समस्त धान उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था सुचारू करने के लिये प्रतिनिधि बनाया गया लेकिन उन्होंने बुधवार की सुबह ही इस्तीफा दे दिया। केसरी द्विवेदी मुडि़ला को विधायक प्रतिनिधि स्कूल शिक्षा विभाग बनाया गया और जनपद पंचायत नईगढ़ी के अंतर्गत आने वाली प्री-प्राइमरी स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा की स्कूलों के सुचारू व्यवस्था के लिये विधायक प्रतिनिधि बनाया गया लेकिन उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी उन्होंने दूरभाष के माध्यम से दी। रावेन्द्र मिश्रा धवैया को विधायक प्रतिनिधि स्कूल शिक्षा विभाग बनाया गया और जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत आने वाली नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के स्कूलों के सुचारू संचालन व देखरेख के लिये प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। लेकिन अगली सुबह यानी बुधवार को लिखित में इस्तीफा दे दिया। गुरुदत्त सिंह माइव को विधायक प्रतिनिधि स्कूल शिक्षा विभाग बनाया गया। जनपद पंचायत सिरमौर के अंतर्गत आने वाली नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के स्कूलों की व्यवस्था देखने का दायित्व सौंपा गया। उन्होंने भी लिखित में इस्तीफा दे दिया।
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