380 people lost their lives in Rewa...If you witness an accident or are trapped, ensure your own safety first. If there is traffic or vehicles moving, stop them. If possible, turn off the engine of the accident vehicle. Install hazard lights or a warning triangle to prevent further accidents.
विंध्य वाणी, रीवा। जिले में 11 महीने में सड़क दुर्घटनाओं की एक दुखद गिनती सामने आई है। इन हादसों ने न सिर्फ कई परिवारों को तोड़ा है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं व सड़कों की स्थिति पर जनता में प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सबसे अधिक सड़क हादसे रीवा प्रयागराज चाकघाट तक हुए है। करीब 85 किलोमीटर के इस मार्ग में 135 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई यहां 350 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं सामने आई। इसी तरह रीवा से डभौरा तक 90 किलोमीटर दूरी वाले मार्ग में 235 सड़क दुर्घटनाओं में 80 लोगों की जान चली गई। गुढ़ से मोहनिया घाटी व गोविंदगढ़ से छुहिया घाटी तक हुई सड़क दुर्घटनाओं में करीब 55 की जान चली गई। गोविंदगढ़ से सेमरिया तक हुए सड़क हादसे में 45 व रीवा शहर मे 41 लोगों के लिए सड़क हादसा काल बन गया। 11 माह में करीब 13 सौ सड़क दुर्घटनाओं में 380 लोगों की अकाल मौत हो गई।
कुछ प्रमुख हादसों पर एक नजऱ
– नवंबर 2025 में, गढ़ थाना क्षेत्र के तेंदुआ-कोठार गांव के पास एक तेज रफ्तार स्कार्पियों ने सड़क किनाखे खड़े लोगों के साथ बाइक सवारों को टक्कर दी। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 2025 की दूसरी तिमाही में, सोहागी पहाड़ के पास एक सीमेंट-लोडेड ट्रक पलटने से ऑटो सवार लोगों की जान चली गई। यह हादसा भी जिले के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं था। इसी अवधि में, एक कार पुल से टकरा कर नीचे गिर गई इस दुर्घटना में तीन युवकों की मौत हुई, जबकि दो अन्य घायल हुए। मार्च 2025 में, एक ट्रक की टक्कर में क्षेत्र में चार लोगों की मृत्यु हुई यह दुर्घटना दर्शाती है कि ट्रक-वाहन हादसे भी कम नहीं हुए। चालू वर्ष 2025 में अकेले कुछ प्रमुख दुर्घटनाओं ने ही जिले में जान-माल का भारी नुकसान दिखा दिया है।
दुर्घटनाओं के ये कारण आए सामने
कई दुर्घटनाएँ तेज़ रफ्तार, अत्यधिक लोडेड ट्रक, या गलत ड्राइविंग की वजह से हुई हैं जो व्यवहार व नियमों की अवहेलना को इंगित करती हैं। इसके साथ सड़क-इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा विधियों की कमी विशेषकर हाइवे व पहाड़ी मार्गों पर दुर्घटनाओं की संभावना को और बढ़ा देती है। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि न सिर्फ व्यक्तिगत लापरवाही, बल्कि सड़क सुरक्षा व ट्रैफिक प्रबंधन में व्यवस्था सुधार की सख्त ज़रूरत है। ज़रूरत है कि स्थानीय प्रशासन दुर्घटना-आंकड़े को संकलित कर सार्वजनिक करे, ताकि वास्तविक समस्या का अनुमान लगाया जा सके। सड़क मरम्मत, स्पीड ब्रेकर, चेतावनी चिन्ह, और निरंतर पुलिस-निगरानी जैसी व्यवस्थाएँ कड़ाई से लागू हों। इसके साथ ही आम जनता को सुरक्षित ड्राइविंग, हेलमेट/सीट बेल्ट उपयोग, तथा सड़क नियमों का पालन करने की शिक्षा भी देना जरूरी है।
दुर्घटना में यह कदम जरूरी
अगर आप दुर्घटना का गवाह हों या खुद फसे हों, तो पहले खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अगर ट्रैफिक या गाडिय़ाँ चल रही हों, उन्हें रोकें। संभव हो, दुर्घटना वाहन का इंजन बंद करें। हैज़ार्ड लाइट्स या वार्निंग ट्रायैंगल लगाएं ताकि और दुर्घटना न हो। घायल व्यक्ति को तुरंत ज़रूरत हो तो सड़क से हटाएं (अगर सुरक्षित हो) लेकिन सिर, गर्दन या रीढ़ को बिना सावधानी के न हिलाएं ताकि और नुकसान न हो। इसके साथ ही नजदीकी पुलिस, एम्बुलेंस, अस्पताल को तुरंत कॉल करें। जिससे सही समय पर इलाज और मदद से घायल की जान बचाई जा सके।




