विंध्य वाणी,रीवा। रीवा जिले में धान खरीदी में फर्जी किसानों के पंजीयन का आरोप काफी समय से चर्चा में रहा है। सेमरिया से कांग्रेस के विधायक अभय मिश्रा पिछले कई महीने से किसानों के पंजीयन को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। सरकार के विभिन्न प्रकोष्ठों को पत्र लिखने के बाद श्री मिश्र ने शीतकालीन विधानसभा सत्र में भी सवाल उठाया। जिसका प्रतिफल यह हुआ कि सरकार ने फिर से किसानों व फसल के रकबे के सत्यापन का आदेश दिया है। मजे की बात यह है कि रीवा-मऊगंज सहित प्रदेश के 36 जिलों में किसानों व फसल रकबे के सत्यापन का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही एक दिसंबर से होने वाली खरीदी अब 12 दिसंबर से होगी।
मध्यप्रदेश सरकार ने 28 नवम्बर को रीवा जिले सहित मध्यप्रदेश के 36 जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी करके धान पंजीयनों की दोबारा जांच 12 दिसंबर तक करके रिपोर्ट मांगी है। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही स्लॉट की बुकिंग होगी। कांग्रेस विधायक का आरोप है कि कलेक्टर रीवा ने उन्हीं समितियों को पंजीयन धान खरीदी का जिम्मा दिया, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
संभाग के सभी जिलों में होगा किसानों का सत्यापन
शासन द्वारा रीवा जिले के सभी 6 जिलों रीवा, मऊगंज, सतना, सीधी, सिगरौली और मैहर जिले के किसानों व धान आच्छादित रकबे का पुन: सत्यापन किया जायेगा।



