रीवा। धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सको पर आर्थिक तंगी से परेशान है, हालांकि इन डॉक्टरों में सीनियर नही जूनियर डॉक्टर ही शामिल है, इसकी वजह यह है कि जूनियर डॉक्टरों को पिछले दो माह से वेतन नही दिया गया। हैरानी तो इस हैट की है कि जनवरी माह भी खत्म होने को है लेकिन दिसम्बर और नवम्बर का ही वेतन अब तक नही दिया गया है, जिससे आर्थिक तंगी बढ़ती जा रही है। वेतन के लिए जूनियर डॉक्टरों ने गुहार लगाई लेकिन प्रबंधन ने किसी प्रकार की सुनवाई नही की, आलम यह है कि आक्रोश बढ़ता जा रहा है, अभी बीच मे ही हड़ताल खत्म करने वाले जूनियर डॉक्टर एक बार फिर आंदोलन की राह पर चलने की योजना बना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के अधीन 12 सीनियर रेजिडेंट, 125 जूनियर रेजिडेंट व 100 इंटर्न को वेतन अब तक नही मिला है। करीब ढाई माह से वेतन न मिलने से डॉक्टर परेशान हैं। बता दे कि कोविड के दूसरी लहर में जूनियर डॉक्टरों का विशेष योगदान रहा, कोविड की जंग को जीतने इन्होंने काफी मेहनत की और इनकी मेहनत का परिणाम ही रहा की जंग जीती गई।
वही अब तीसरी लहार ने भी दस्तक दे दी है ऐसे में फिर इस लड़ाई में इनकी विशेष भूमिका होगी लेकिन आर्थिक तंगी का बोझ और कोविड से जंग एक साथ लड़ पाना इनके लिए मुश्किल लग रहा है। बता दे कि यदि वेतन और कुछ दिन नही मिलता है तो आक्रोश का सामना मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को करना पड़ सकता है जिसका सबसे बड़ा असर मरीजो के इलाज पर पड़ेगा। बता दे कि कुछ माह पूर्व जूडा अपनी विभिन्न मांगों को लेके आंदोलन रात थे और शिक्षा मंत्री के अस्वासन पर हड़ताल खत्म हुई थी लेकिन एक बार फिर इस प्रकार की समस्या से जूडा में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
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दो माह से वेतन नही दिया गया है, जनवरी माह भी आधा बीत चुका है। वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नही की गई। हर माह वेतन नियमित रूप से दिया जाना चाहिए। आर्थिक तंगी से परेशान होना पड़ता है।
@डॉ हृदेश दीक्षित, अध्यक्ष जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ।