रीवा। कोरोना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में कोरोना की रोकथाम को लेकर सख्ती जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। हालांकि यह सख्ती जहां जनता के लिए सुरक्षा के लिए वरदान है, वहीं व्यापारियों के लिए परेशानी की वजह भी है। जिला प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि शापिंग मॉल या दुकानों में बिना कोरोना सर्टिफिकेट देखे ग्राहकों को प्रवेश न दिया जाए। जिसका पालन कराने में कई संचालक लगे हुए हैं, लेकिन इनका पालन कराने में संचालकों काफी परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। इसकी बड़ी वजह आमजन का ही विरोध है। शापिंग मॉल में जाने वाले लोग ही इस आदेश को लेकर आक्रोशित हो रहे है, रविवार को इलाहाबाद रोड पुराने गैस गोदाम की जगह स्थापित हुए रीवा में नए शापिंग मॉल में ग्राहको की भीड़ लगी हुई थी, जब गेट में तैनात गार्ड ने कोरोना सर्टिफिकेट की मांग की तो आए ग्राहक इसका विरोध करने लगे, कुछ ने कहा कि क्या रीवा अब इंदौर और मुम्बई बन गया है कि यहां बिना कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट दिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हालांकि गेट में तैनात गार्ड ने प्रवेश लोगों को नहीं दिया। इस प्रकार से कई संचालकों को ग्राहको का कड़ा विरोध करना पड़ रहा है।
कई ग्राहक तो ऐसे हैं जिनके द्वारा सुरक्षाकर्मियों को ही खरी-खोटी सुनाई जा रही है। मास्क तक लगाने के लिए लोग तैयार नहीं हो रहे हैं। किसी प्रकार यदि मास्क लगाते भी है तो सर्टिफिकेट की बात आने पर वह नाराज होकर वापस भी लौट रहे है। इसमें व्यापारियों का तो नुकसान है लेकिन उनके अंदर डर यह भी है कि यदि बिना सर्टिफिकेट प्रवेश दे दिया और जांच हुई तो प्रशासनिक कार्यवाही का डर भी है।
कोरोना की इस नियम का पालन करने में सबसे अधिक ऐसे लोगो को समस्या आ रही है जो दूर-दराज से आए है और उनके पास मल्टीमीडिया फोन नहीं उपलब्ध है, मोबाइल वाले तो सर्टिफिकेट निकाल कर दिखा देते है लेकिन जिनके पास मोबाईल नहीं है उन्हें वापस लौटना पड़ता है। बिना वैक्सीन वालो को भी प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों को सबसे अधिक समस्या हो रही है, वह दूर से शापिंग के लिए आते तो हैं, लेकिन उनको प्रवेश न मिलने से लौटना पड़ता है। हालांकि कुछ व्यापारी प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर इनको प्रवेश दे भी रहे हैं।
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