रीवा। भ्रष्टाचारियों की पोल लगातार खुल रही है, घूसखोरी के लिए मशहूर महकमो के अलावा शिक्षा के मंदिर तक इससे अछूते नहीं है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें प्रकरण के शिकायत के 6 वर्ष बीतने के बाद कार्यवाही की गई है। जिले की अमाहिया पुलिस ने तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आगे की कार्यवाही थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए की जा रही है। प्राचार्य अब पद से रिटायर हो चुके हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह रिश्वत सीबीएसई मान्यता के लिए ली गई थी, मान्यता मिलने के बाद स्कूल संचालक ने शिकायत दर्ज कराई थी।
यह है पूरा मामला…
अमहिया थान क्षेत्र के द्वारिका नगर में विज्डम वैली हायर सेकेडरी स्कूल संचालन रणवीर सिंह द्वारा किया जाता है। उक्त स्कूल को सीबीएसई की मान्यता देने के संबंध में वार्ष 2014 में आवेदन दिया गया था। इस पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) नईदिल्ली ने विद्यालय के निरीक्षण हेतु जवाहर नवोदय विद्यालय मुर्झर वारासिवनी जिला बालाघाट के तत्कालीन प्राचार्य (वर्तमान में सेवानिवृत्त)सम्राट महादेव टेम्भुणेकर को संयोजक व अल्का श्रीवास्तव प्राचार्य वात्सल्य हायर सेकेण्डरी विद्यालय पीली कोठी 38 को सदस्य नियुक्त किया था। निरीक्षण में देर होने पर विद्यालय के संचालक रणवीर सिंह ने प्राचार्य से संपर्क करके विद्यालय का निरीक्षण करने की तिथि निर्धारित करने की मांग की। जिस पर प्राचार्य ने उनसे पक्ष में रिपोर्ट देने के एवज में तीन लाख रुपए की मांग की। बाद में सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हो गया। विद्यालय संचालक ने 20 हजार रुपए उनकी पत्नी कला टेम्भुणेकर के खाते में जमा करवा दिये। शेष राशि जमा होने पर निरीक्षण की तारीख 4 अप्रैल 2014 को निर्धारित हुई। उक्त तिथि में उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण किया।
घूय के पैसे खाते में लिए गए
निरीक्षण के बाद निरीक्षण टीम के संयोजक सम्राट महादेव टेम्भुणेकर रात में स्कूल संचालक को होटल बुलवाकर शेष रकम की मांग की। जिस पर उन्होंने नकद राशि न होने पर एक लाख 30 हजार रुपए का चेक दिया। उक्त राशि चेक उन्होंने बैंक के माध्यम से आहरित कर लिया। बाद में स्कूल संचालक ने 20 अप्रैल 2015 को निरीक्षण के नाम पर पैसा लेने की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर विभागीय जांच शुरू की गई। जांच जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य एसके मीना को सौंपी गई। मीना ने जांच प्रतिवेदन अमहिया थाने को सौंपकर कार्रवाई की मांग की। जिस पर अमहिया पुलिस ने तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीवद्ध किया है। बताया गया है कि उक्त प्राचार्य वर्तमान में भंडारा महाराष्ट्र के नावोदय विद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके हंै। एफआईआर दर्ज होने के बाद अमहिया पुलिस तथ्यों को जुटाने के साथ विवेचना में जुट गई है।