रीवा। सुपर स्पेशलिटी में अवैध वसूली का बड़ा खुलासा हुआ है। परिजनों ने प्राइवेट कर्मचारी को जांच के नाम पर अवैध वसूली करते पकड़ा और जमकर धुना। सीएमओ के सुपुर्द कर दिया। पकड़े गए युवक ने लिखित में बयान दिया कि सुपर स्पेशलिटी के डॉ मुरारी प्रसाद जांच के लिए उन्हें फोन कर लाइफ लाइन पैथालॉजी से बुलाते थे। अंकुश लंबे समय से अवैध रूप से मरीजों से जांच के नाम पर वसूली कर रहा था। चार लोगों ने इसके खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में प्राइवेट पैथालॉजी का कब्जा है। यहां पदस्थ डॉक्टरों ने कमीशन के फेर में मरीजों को लूटना शुरू कर दिया है। लंबे समय से यह गोरखधंधा चल रहा था। शनिवार को इसका फांडा फूट गया। दरअसल यहां पदस्थ डॉक्टर कमीशन के फेर में ही कई निजी पैथालॉजी सेंटरों से सांठगांठ किए हुए हैं। इसी कमीशन के चक्कर में अस्पताल में भर्ती मरीजों को डरा कर बाहर से जांच कराते हैं। एमरजेंसी जांच के नाम पर बाहर से युवकों को बुलाकर सेंपल दिलाया जाता है और जांच के नाम पर वसूली होती है। ऐसा ही खेल शनिवार को भी चल रहा था। डॉ मुरानी प्रसाद के बुलावे पर अंकुश पटेल निवासी द्वारिका नगर सेम्पल और जांच के रुपए वसूलने सुपर स्पेशलिटी पहुंच गया। यहां लोगों से वसूली चल रही थी। इसी बीच परिजनों ने अवैध वसूली के शक में अंकुश की धुनाई कर दी। उसे पकड़कर सुरक्षागार्ड के हवाले कर दिया। जिसे लेकर सीएमओ डॉ यत्नेश त्रिपाठी के पास ले जाया गया। लोगों ने लिखित शिकायत दर्ज की। पकड़े गए युवक का भी बयान लिया गया। बयान में युवक ने बड़ा खुलासा किया है, जिसने पूरे सिस्टम की ही पोल खोल कर रख दी है।
युवक के बयानों से मचा हड़कंप
अंकुश पटेल से सीएमओ ने लिखित में बयान दर्ज कराए। बयान में अंकुशने कबूल किया कि वह नए बस स्टैण्ड में संचालित लाइफ लाइन पैथॉलाजी का कर्मचारी है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उसे डॉक्टरों द्वारा बुलाया जाता है। अस्पताल में पहुंच कर मरीजों का ब्लड सेम्पल लेता है। अस्पताल में मुरली सर द्वारा बुलाए जाने की बात बयान में कही। उनका मोबाइल नंबर 8349605288 बताया है। उसने बताया कि इस नंबर से काल कर बताया गया कि पीटीआईएनआर और एपीएसए की जांच करनी है। यहां मशीन खराब होने के कारण जांच नहीं होती। डॉक्टर के निर्देश पर ही मरीजों की सीबीसी और के केएफटी भी जांच कर रहा था। इसके रुपए 700 रुपए वसूल रहा था।
दर्ज कराई गई लिखित शिकायत
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती संतोष यादव ग्राम रौरा ने बताया कि उनकी मरीज नेहा यादव भर्ती है। अंकुश ने जांच के लिए 500 रुपए लिए हैं। संजय कुशवाहा ग्राम गोदरी निवासी ने बताया कि उनका मरीज भी अस्पताल में भर्ती खून के जांच का एक हजार रुपए लिया गया। जांच के लिए उन्होंने कुछ नहीं बोला था। ओम विष्णु तिवारी ने बताया कि सुबह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उनके मरीज रामश्रय प्रसद को तीसरी मंजल में एडिमिट किया गयाथा। न्यूरो वार्ड में भर्ती है। शनिवार को 4 बजे एक व्यक्ति उनके पास मरीजों की लिस्ट लेकर पहुंचा। ब्लड सैम्पल लिया। आरएफटी, केएफटी टेस्ट के लिए 2 हजार रुपए लिए। उन्होंने बताया कि पिता जी के सुबह आने बाद पता चला कि सुबह जांच हो चुकी है। प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि उनका नंबर वार्ड नंबर 3 में भर्ती है। 500 रुपए अंकुश पटेल ने खून जांच के लिए लिया था।
स्पेशलिटी के पत्नी की है पैथॉलाजी
जिस लाइफ लाइन पैथॉलाजी से अंकुश पटेल को सुपर स्पेशलिटी में जांच के लिए भेजा जा रहा था। वह पैथॉलाजी एसजीएमएच के एक मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी का बताया जा रहा है। उनके नाम से ही जांच रिपोर्ट इश्यू होती है। उनके की सेटिंग से ही सारा खेल चल रहा है। सुपर स्पेशलिटी के डॉक्टर एमरजेंसी बताकर और जांच मशीन खराब होने का हवाला देकर लाइन लाइन पैथालॉजी से जांच करा रहे थे।
डॉक्टर ही चल रहे हैं गोरखधंधा
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निजी सेंटरों से सांठगांठ का बड़ा खेल चल रहा है। प्राइवेट पैथालॉजी से कर्मचारियों की इंट्री यहीं के डॉक्टर करा रहे हैं। अधिकांश पैथालॉजी एसजीएमएच के डॉक्टरों की ही चल रही है। यही वजह है कि इनकी घुसपैठ अधिक है। अस्पताल में सारी जांच होने के बाद भी मरीजों को बिना सूचना के ही बाहर से जांच कराई जाती है। हद तो यह है कि यहां का प्रबंधन जान कर भी मूकदर्शक बना हुआ है।
मेडिकल आफीसर हो जाते हैं गायब
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए पांच मेडिकल आफीसर की भर्ती की गई है। हालांकि यहां शाम 5 बजे के बाद से ही सन्नाटा पसर जाता है। यहां रात में कोई डॉक्टर नहीं रहता। मरीजों को एसजीएमएच भेज दिया जाता है। एसजीएमएच से ही सुपर स्पेशलिटी के लिए रेफर किया जाता है, तब जाकर मरीजों की भर्ती की जाती है।
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