रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लाखों रुपए की डीआर डिजिटल एक्सरे मशीन फिर जल गई है। 6 दिनों से मशीन खराब है। इस मर्तबा इसमें लंबा फाल्ट आया है। जल्दी बनना मुश्किल है। फिलहाल प्रबंधन ने भी इसे सुधरवाने के लिए कोई पहल शुरू नहीं की है। ज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल करीब 150 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुआ है। अभी इसे एक साल भी अच्छे से रन करते नहीं हुआ और इस उपकरणों को खराब करना शुरू कर दिया गया है। लाखों, करोड़ों रुपए के यहां उपकरण मंगाए गए हैं। इन उपकरणों का सही ढंग से रखरखाव और मेंटीनेंस अनुबंध नहीं किया गया है। यही वजह है कि मशीनें लगातार खराब हो रही है। लाखों रुपए की डिजिटल एक्सरे मशीन मरीजों की सुविधा के लिए यहां लगाया गया है। पहले तो यह कई महीनों तक स्टोर में पड़ी रही। मुश्किल से इंस्टालेशन हुआ तो अब लगातार खराब हो रही है। यहां पॉवर सप्लाई में खराबी है। अस्पताल प्रबंधन को इसकी भलीप्रकार से जानकारी है। पावर सप्लाई की खामी के कारण कई मर्तबा पहले भी मशीन में दिक्कतें आ चुकी है लेकिन सप्लाई को सुधरवाया नहीं गया। इसी का खामियाजा अब बड़ी खराबी से चुकाना पड़ रहा है। 25 जनवरी को डीआर डिजिटल एक्सरे मशीन अचानक चलते चलते ठप पड़ गई। इसमें कोई बड़ा फाल्ट आ गया है। अब तक यह शुरू नहीं हो पा रही है। सूत्रों की मानें तो यह सब सप्लाई की वजह से ही हुआ है। अब प्रबंधन को एक्सपर्ट की टीम बुलानी होगी, तभी इस मशीन को दोबारा शुरू किया जा सकेगा। डिजिटल एक्सरे मशीन के खराब होने से मरीजों को असुविधा हो रही है। जांच के लिए एसजीएमएच और बाहर निजी सेंटरों में भेजा जा रहा है। सिर्फ खानापूर्ति के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पोर्टेबल एक्सरे मशीन लगा दी गई है। इस मशीन से सिर्फ एमरजेंसी में जांच की जा रही है। सीरियस और इलाज के लिए भर्ती मरीजों को ही इस मशीन से सेवाएं दी जा रही है। शेष को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
नहीं शुरू हुई सोनोग्राफी
एक्सरे मशीन लगातार खराब हो रही है। वहीं यहां सोनोग्राफी मशीन भी रखी है, लेकिन सेवाएं नहीं शुरू हो पाई है। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में डॉ सुधीर द्विवेदी की ज्वाइनिंग कराई गई। इनकी ज्वाइनिंग भले ही एसजीएमएच के लिए हुई लेकिन इन्हें सुपर स्पेशलिटी में पदस्थ कर दिया गया है। पदस्थापना के बाद से ही इनकी भर्रेशाही शुरू हो गई है। इनकी लारपवाही के कारण ही अब तक अल्ट्रासाउंड की सेवा यहां शुरू नहीं हो पाई है। रेडियोलॉजी विभाग में इनकी पदस्थापना से ही सारे सेवाएं ठप होनी शुरू हो गई हैं।
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