रीवा। माघ माह की पंचमी से बसंत का आगमन प्रशस्त माना गया है यही कारण है कि यह तिथि वसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाई जाती है। 6 ऋतुओं में बसंत का स्थान सर्वोपरि है, जिस कारण इन्हें ऋतुराज भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की नीरसता को भंग करने के लिए सरस्वती देवी की उत्पत्ति की थी और उन्हें वीणा प्रदान करते हुए संसार को वाणी प्रदान करने का आशीर्वाद दिया था, यही कारण है कि वसन्त पञ्चमी का दिन माँ सरस्वती को समर्पित है और इस दिन माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साहित्य संगीत कला शिक्षा एवं आत्म ज्ञान के विकास है बसंत सर्वाधिक उत्तम माना गया है, क्योंकि इनकी अधिष्ठात्री देवी सरस्वती मां है। बसंत पंचमी को विद्या आरंभ करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। वसन्त पञ्चमी का दिन हिन्दु पंचांगों के अनुसार पञ्चमी तिथि को मनाया जाता है। जिस दिन पञ्चमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच में व्याप्त रहती है उस दिन को सरस्वती पूजा के लिये उपयुक्त माना जाता है। ज्योतिरविद राजेश शाहनी ने बताया कि इस वर्ष बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त 5 फरवरी, शनिवार को प्रात: काल से लेकर दोपहर के मध्य तक बन रहा है। ज्योतिष विद्या के अनुसार वसन्त पञ्चमी का दिन सभी शुभ कार्यो के लिये उपयुक्त माना जाता है। इसी कारण से वसन्त पञ्चमी का दिन अबूझ मुहूर्त या स्वयं सिद्ध मुहूर्त के नाम से प्रसिद्ध है, और नवीन कार्यों की शुरुआत के लिये उत्तम माना जाता है। वसन्त पञ्चमी के दिन किसी भी समय सरस्वती पूजा की जा सकती है परन्तु पूर्वाह्न का समय पूजा के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। सभी विद्यालयों और शिक्षा केन्द्रों में पूर्वाह्न के समय ही सरस्वती पूजा कर माता सरस्वती का आशीर्वाद ग्रहण किया जाना चाहिये।
यह हैं शुभ मूहूर्त
– वसन्त पञ्चमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 06.45 प्रात: से 12.19 मध्यान्ह
– अवधि – 05 घण्टे 34 मिनट
– वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण- 12.19 दोपहर।
– पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 5, 2022 को प्रात: काल 03.47 बजे।
– पञ्चमी तिथि समाप्त – फरवरी 6, 2022 को प्रात: काल 03.46 बजे।
इस विधि से करें पूजन…
बसंत पंचमी पीले रंग का बहुत महत्व है, अत: बसंत पंचमी के दिन की जाने वाली साधना उपासना में पीले रंग का आधिकाधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रात: कालीन स्नान के पश्चात पीले वस्त्र धारण करते हुए ब्राह्मणों को पीले चावल एवं पीले वस्त्र दान भी करने चाहिए। इसके साथ ही भगवान विष्णु एवम देवी सरस्वती का समवेद पूजन करने का विधान है। इस दिन कलश स्थापित करते हुए गंध पुष्प धूप दीप नैवेद्य इत्यादि से देवी सरस्वती का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करें। गेहू एवं जो की बालियां अर्पित करें साथ ही सफेद मिष्ठान का नैवेद्य अर्पित करें। यथाशक्ति सरस्वती मंत्र एवं सरस्वती स्त्रोत का पाठ करते हुए पर्व का समापन करें। आदिकाल से बसंत पंचमी के दिन को माता पिता अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की शुरुआत के लिए शुभ मानते हैं। इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से ऐं नामक बीजमन्त्र बनाना चाहिए, इससे बच्चा ज्ञानवान होता है व शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है। 6 माह पूरे कर चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी इसी दिन खिलाया जाता है।
राशि अनुसार करें सरस्वती पूजन…
हमारी जन्म राशि अथवा नाम राशि हमारे व्यक्तित्व का दर्पण मानी गई है तथा इसके अनुसार कोई भी कार्य करने से अथवा पूजन इत्यादि कर्म करने से कार्य की सफलता में तनिक भी संदेह नहीं रह जाता है। यदि आज के दिन आप अपनी राशि के अनुसार सरस्वती पूजन का चयन करेंगे तो निश्चित तौर पर आने वाले जीवन में भविष्य की सुविधाओं में वृद्धि होने की संभावना बनेगी ज्योर्तिविद राजेश साहनी के अनुसार राशिफल-
* मेष राशि- सरस्वती पूजन के दिन आप पीत वस्त्र धारणी सरस्वती देवी का आवाहन करें। देवी सरस्वती को लाल एवं सफेद रंग के नैवेद्य अर्पित करें तथा एक गुलाब का पुष्प चढ़ाएं।
* वृष राशि- वृष राशि के जातक श्वेत वस्त्र धारण सरस्वती देवी का आवाहन एवं पूजन करें। मां को सफेद रंग के पदार्थों का भोग लगाएं। स्वयं भी श्वेत वस्त्र धारण करें तथा एक कमल का फूल अर्पित करें।
* मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातक हरे वस्त्रों से आच्छादित देवी सरस्वती का वाहन एवं पूजन करें। आज के दिन देवी को कमलगट्टे की माला अर्पित करें।
* कर्क राशि –कर्क राशि के जातक श्वेत वस्त्र धारी देवीवस्त्र धारी देवी सरस्वती का पूजन एवं आवाहन करें। देवी सरस्वती को चावलों से बनी हुई खीर का निर्धारित करें तथा एक कमल का पुष्प समर्पित करें।
* सिंह राशि- सिंह राशि के लोग लाल वस्त्र धारण करते हुए देवी सरस्वती का पूजन करें। देवी सरस्वती को लाल पदार्थों के व्यंजन अर्पित करते हुए गुलाब का पुष्प समर्पित करें।
* कन्या राशि- कन्या राशि के जातक हरित वस्तुओं से आच्छादित देवी सरस्वती का आवाहन एवं पूजन करें। देवी सरस्वती को सूखे मेवों का नैवेद्य अर्पित करें तथा कमलगट्टे की माला समर्पित करें।
* तुला राशि- इस राशि वाले लोग श्वेत वस्त्र धारिणी मां सरस्वती का आवाहन एवं पूजन करें। मां सरस्वती को श्वेत पदार्थों का नैवेद्य अर्पित करें तथा श्वेत पुष्प ही समर्पित करें।
* वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वाले जातक लाल वस्त्र धारण करते हुए देवी सरस्वती का आवाहन एवं पूजन करें। नैवेद्य में फल अर्पित करें तथा एक गुलाब का पुष्प देवी पर चढ़ाएं।
* धनु राशि- धनु राशि वाले पीले वस्त्र धारण करते हुए पीत वस्त्र धारणी देवी सरस्वती का आवाहन एवं पूजन करे। देवी को केसर मिश्रित खीर का नैवेद्य अर्पित करें तथा पीले रंग के फूल समर्पित करें।
* मकर राशि- इस राशि के लोग गहरे रंग के वस्त्र पहनकर देवी का आवाहन एवं पूजन करें। मां सरस्वती को सूखे मेवों का नैवेद्य अर्पित करें तथा नीले रंग का पुष्प समर्पित करें।
* कुंभ राशि- कुंभ राशि के लोग गहरे रंग के वस्त्र पहनकर देवी का आवाहन एवं पूजन करें। मां सरस्वती को मौसमी फलों का नैवेद्य अर्पित करें तथा श्वेत रंगों के पुष्प समर्पित करें।
* मीन राशि – इस राशि वाले आज के दिन स्वयं पीत वस्त्र धारण करते हुए देवी का पूजन करें तथा पीत वस्त्र धारण देवी का चयन करें। केसर मिश्रित खीर का नैवेद्य अर्पित करें तथा पीले रंग के पुष्प समर्पित करें।
००००००००००००००००००००